नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच अभी गतिरोध खत्म नहीं हुआ है. हालांकि, बैठकों का दौर जारी है, जिसके जरिए तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है. 12 अक्टूबर को एक बार फिर भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच बैठक हुई. चीन के साथ सातवें दौर की बैठक का नेतृत्व सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) के कार्यालय के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी ने किया. 12 अक्टूबर को हुई वार्ता का DGMO आधिकारिक हिस्सा रहे.
एक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया कि ऐसा सभी हितधारकों- जमीनी सैनिकों, DGMO और बाहरी मामलों के मंत्रालय को एक ही पृष्ठ पर रखने के लिए किया गया है. इस तरह के संवेदनशील मामलों में DGMO कार्यालय की भागीदारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस संवेदनशील कार्यालय के अंतर्गत सभी सैन्य अभियान चलाए जाते हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी, जो चीन के मामलों के विशेषज्ञ 21 सितंबर को हुई छठे दौर की बैठक से पहले से ही सैन्य वार्ता में भाग ले रहा था.
विचार-विमर्श के दौरान भारतीय पक्ष उच्च स्तरीय चीन अध्ययन समूह (CSG) द्वारा निर्देशित है. CSG का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, विदेश सचिव, रक्षा सचिव, सेना, नौसेना और IAF के उप-प्रमुख और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख के साथ मिलकर करते हैं.
अब तक दोनों पक्षों के डी-एस्केलेट और डिसइंगेज को लेकर आठ दौर की बातचीत हो चुकी है. सूत्र ने कहा है कि नौवें दौर की तारीख अभी तय नहीं हुई है.