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हिमाचल : देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देवताओं ने जताई नाराजागी, दी आपदा की चेतावनी - कुल्लू में देव परंपरा क्या है

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में देवी-देवताओं की संसद जगती में देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देव समाज ने नाराजगी जताई. देवताओं ने भविष्‍य में आपदा की चेतावनी दी है. देवताओं के गूरों ने देवभूमि में लोगों द्वारा नए-नए रीति रिवाजों को शुरू करने पर आपत्ति जताते हुए इसे भविष्य के लिए खतरा बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

कुल्लू में देवी-देवताओं की संसद जगती

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Published : Nov 24, 2019, 7:27 PM IST

कुल्लू : देवभूमि कुल्लू के रघुनाथपुर में देवी-देवताओं की संसद जगती में देव परंपरा से छेड़छाड़ पर देव समाज ने नाराजगी जताई है. देवताओं ने भविष्‍य में आपदा की चेतावनी दी है. देवताओं के गूरों ने देवभूमि में लोगों द्वारा नए-नए रीति रिवाजों को शुरू करने पर आपत्ति जताते हुए इसे भविष्य के लिए खतरा बताया है.

इसके अलावा अठारह करडू की सौह में फैलाई जा रही गंदगी को लेकर भी देवता काफी क्रोधित हैं. देवताओं ने अपने गूरों के माध्यम से कहा कि लोग आज बड़े हो गए हैं, हम छोटे तभी तो अपनी मर्जी के नए-नए निर्णय लिए जा रहे हैं. पुराने रीति रिवाजों को छोड़कर इंसान आज नए रिवाजों को अपना रहा है, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.

कुल्लू में देवी-देवताओं की संसद जगती

देवी देवताओं ने सभी को इस बात के लिए भी चेताया कि अगर सब ठीक नहीं किया तो हम में दिल्ली तक तख्ता पलट करने की क्षमता है. काली नाग के गूर ने कहा कि जो नहीं होना चाहिए था वह हुआ. देवता धुम्बल नाग के गूर ने कहा देव परंपरा से छेड़छाड़ बर्दाश्‍त नहीं होगी.

उन्‍होंने दो से तीन महीने में अशुभ होने की चेतावनी दी. वहीं नारद दुर्वासा ऋषि के गूर ने सभी को आने वाले समय में किसी बड़ी आपदा के लिए सतर्क रहने के लिए आगाह किया. उन्होंने कहा पृथ्वी इस समय बहुत बड़ी मुश्किल में है, कोई भी प्राकृतिक आपदा या अन्य कोई नुकसान हो सकता है.

कुल्लू में देवी-देवताओं की संसद जगती

इसका बड़ा कारण लोगों द्वारा अपनी मर्जी से लिए जा रहे फैसले और देवी-देवताओं को खिलौना समझकर उनके रीति रिवाजों से छेड़छाड़ करना है. देवता के गूर ने कहा अशुद्धि फैलाई जा रही है. इसके लिए सभी को मिलकर जप करना पड़ेगा.

वहीं, भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि जगती के दौरान देवी-देवताओं ने देव परम्परा से छेड़छाड़ करने पर नाराजगी व्यक्त की है. देवताओं ने जगती में आदेश दिए है कि देव स्थलों की शुद्धि की जाए. वहीं, अगर कोई देव परम्पराओं से खिलवाड़ करता है तो वह इसका नतीजा भुगतने को भी तैयार रहे.

कुल्लू में देवी-देवताओं की संसद जगती

क्या हैं गूर :
देवी-देवताओं की पूजा करने वाले लोगों के एक खास वर्ग को गूर कहते हैं. जिनके पास कुछ विशेष क्षमताएं होती हैं.

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