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पूर्वोत्तर : नागरिकता संशोधन बिल के बाबजूद बीजेपी को मिलीं 17 सीटें, जानें विशेषज्ञों की राय... - पूर्वोत्तर सीट

चुनावों से पहले विपक्ष ने पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक का मुद्दा बनाया. हालांकि, इसके बाद भी भाजपा पूर्वोत्तर में 17 सीट जीतने में सफल रही. जानें क्या कारण रहे पूर्वोत्तर में जीत के...

नरेंद्र मोदी

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Published : May 25, 2019, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा ने 17 सीटें जीती हैं. चुनावों से पूर्व कहा जा रहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक से बीजेपी को नुकसान हो सकता है. हालांकि, चुनाव में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

पूर्वोत्तर में भाजपा ने17 सीटें जीतीं, जिसमें असम की नौ सीटें भी शामिल हैं. 2014 में बीजेपी ने असम से सात सीटें हासिल की थीं. इस बार पार्टी ने दो सीटों वाले त्रिपुरा राज्य में भी क्लीन स्वीप किया.

राजनीतिक विशेषज्ञों को लगता है कि बीजेपी सरकार के विकास कार्य हैं जिसके बाद ये परिणाम आए.

पत्रकार दीपक दीवान ने बताया कि लोगों ने नागिरकता संशोधन बिल को नजरअंदाज कर दिया. इस बार राष्ट्रवाद और विकास का मुद्दा था. भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास के काम किए हैं. जिसके बाद इस क्षेत्र के लोगों को रेलवे और वायुसेवा प्राप्त हुई.

पत्रकार दीपक दीवान और सुबिमल भट्टाचार्जी से बातचीत

राजनीतिक विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि भाजपा ने इस क्षेत्र के लिए काम किया है जिसका परिणाम मिला है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया. बीजेपी ने बराक घाटी और कई अन्य क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया. यही कारण रहा कि बीजेपी को भारी संख्या में वोट मिले.

बता दें, बीजेपी ने वोट शेयर भी बढ़ाया. हालांकि, असम में एक प्रतिशत की कमी आई है. 2014 में असम में 36.86 प्रतिशत वोट मिले थे और 2019 में 35.61 प्रतिशत वोट दर्ज मिले.

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