अयोध्या : लंबे विवाद और अदालती प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि भूमि विवाद में अंतिम फैसला सुनाया. अब मंदिर के लिए भूमि पूजन किया जाना है. मंदिर कैसा होगा ? इस सहज सवाल पर राम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा कहते हैं कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर के डिजाइन में संशोधन किया गया है. सोमपुरा ने बताया, 'अब राम मंदिर में गर्भगृह के ठीक ऊपर शिखर होगा और पांच शिखर होंगे. मंदिर की ऊंचाई भी पहले से अधिक होगी.'
77 साल के सोमपुरा मंदिरों का नक्शा तैयार करने वाले परिवार से आते हैं. वह ऐसे 200 से अधिक ढांचे की डिजाइन तैयार कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिवगंत नेता अशोक सिंघल ने करीब 30 साल पहले उनसे राम मंदिर का नक्शा तैयार करने को कहा था.
मंदिर में पांच शिखर होने के कारण पर सोमपुरा दो वजहें बताते हैं. उनके अनुसार मंदिर के लिए अब जमीन की कोई कमी नहीं है. और दूसरा कारण हर दिन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. सोमपुरा मानते हैं कि मंदिर का आकार बढ़ाने से उसमें ज्यादा श्रद्धालु आ सकेंगे.
सोमपुरा ने बताया कि 30 साल पहले राम मंदिर को डिजाइन करना एक कठिन काम था, क्योंकि उन्हें माप की इकाई के रूप में अपने कदमों का उपयोग करते हुए चित्र तैयार करने थे.
उन्होंने बताया, 'जब 1990 में मैंने अयोध्या में पहली बार वह जगह देखी तो उस समय सुरक्षा कारणों से परिसर में कुछ भी ले जाने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि नाप लेने वाले टेप को साथ रखने नहीं दिया गया, मुझे अपने कदमों से माप लेनी पड़ी थी.'
सोमपुरा ने बताया कि उनके नक्शे के डिजाइन को ही देखते हुए विहिप ने 1990 में अयोध्या में पत्थर को तराशने की इकाई स्थापित की थी.