नई दिल्ली : नगा भूमिगत नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 23 वर्षों से चल रही नगा वार्ता दो मुख्य बिंदुओं पर अटक गई है. नगा राष्ट्रीय ध्वज और अलग नगा संविधान को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध है. नगा नेतृत्व इन दोनों मांगों पर अडिग हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं केंद्र सरकार भी इसे स्वीकार करने को राजी नहीं है. इसे स्वीकार करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा, यह सरकार भी अच्छे से समझ रही है. दोनों पक्षों के अपने-अपने स्टैंड के साथ चिपके रहने के कारण एक मध्य दृष्टिकोण पर अनौपचारिक स्तर पर बातचीत चल रही है.
ध्वज और संविधान
झंडे के मुद्दे पर प्यूर्टो रिकान ध्वज मॉडल के अनुकरण की बात चल रही है. हालांकि, कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं है. कैरिबिया में स्थित प्यूर्टो रिकान संयुक्त राज्य अमेरिका का एक स्व-शासित असंबद्ध क्षेत्र है और अमेरिकी सरकार द्वारा नियंत्रित है, लेकिन अमेरिकी राज्यों में से एक नहीं है. सभी प्यूर्टो रिकान के लोग जन्म से अमेरिकी नागरिक हैं और स्वतंत्र रूप से अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं. प्योर्टो रिकान ध्वज केवल अमेरिकी ध्वज के साथ ही फहराया जा सकता है और हमेशा अमेरिकी ध्वज के बाईं ओर स्थित होना चाहिए. दोनों को एक ही ऊंचाई पर फहराया जाता है. प्योर्टो रिकान ध्वज को अमेरिकी ध्वज के फहराए जाने के बाद ही फहराया जा सकता है और अमेरिकी ध्वज के उतरने से पहले इसे उतारा जाता है. संविधान के मुद्दे पर अलग नगा संविधान या 'यजहाबो' की मांग की जा रही है. इस पर भी बात जारी है.