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लोक सभा में उठी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने सहित कई मांग

लोक सभा में विभिन्न दलों के सांसदों ने जनसंख्या कानून, बाढ़ की स्थिति, बिहार में फोर लेन समेत कई मुद्दे उठाये. जानें सांसदों ने सदन में क्या मांगें रखी.

enactment of population control law in lok sabha
enactment of population control law in lok sabha

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Published : Sep 23, 2020, 9:03 PM IST

नई दिल्ली: लोक सभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग समेत देश में बाढ़ की स्थिति, सड़क निर्माण आदि से जुड़े कई अन्य मुद्दे उठाये.

शून्यकाल के दौरान भाजपा सांसद उदय प्रताप सिंह ने सरकार से आग्रह किया कि जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कानून बनाया जाए. सिंह ने बढ़ती जनसंख्या का उल्लेख किया और कहा कि यह देश के सामने बड़ी समस्या बन गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया गया गया, तीन तलाक का कानून पारित किया गया.

भाजपा सदस्य ने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि जनसंख्या नियंत्रण करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा कानून बनाया जाए.

भाजपा के सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की मांग की.

गौतम ने कहा कि एएमयू में कोई आरक्षण नहीं मिलता है, जिसके कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग के बच्चे वंचित रह जाते हें. इस विषय पर ध्यान दिया जाए, ताकि गरीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल सके.

भाजपा के ही राजकुमार चाहर ने देश के हर जिले में किसान भवन का निर्माण करने की मांग की.

एआईएमआई के इम्तियाज जलील ने संसदीय क्षेत्र औरंगाबाद में पानी की किल्लत का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार हर घर जल परियोजना के तहत उनके क्षेत्र को शामिल करे.

भाजपा के पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि बोकारो के सेल प्लांट में काम कर रहे लोगों के वेतन में बढ़ोतरी की मांग पर विचार किया जाए.

निर्दलीय मोहन डेकर ने दादरा एवं नगर हवेली में दिल्ली की तर्ज पर अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने की मांग उठाई.

शून्यकाल में लोक जनशक्ति पार्टी की वीणा देवी ने ओलावृष्टि और बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय मदद की मांग की.

उन्होंने कहा कि इससे उनके संसदीय क्षेत्र सहित आस-पास के क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गई हैं और सड़के टूट गई हैं. इससे मेरे संसदीय क्षेत्र के किसान और मजदूर बड़ी संख्या में प्रभावति हुए हैं. राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद हर संभव मदद पहुंचा रही है.

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्रीय मदद की जरूरत है. त्रिपुरा से भाजपा की सांसद प्रतिमा भौमिक ने अपने संसदीय क्षेत्र में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की तर्ज पर एक अस्पताल खोले जाने की मांग की.

साथ ही कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में एजीएमसी अस्पताल पहले से मौजूद है और आवश्यक संसाधन भी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा को उसकी मांग से अधिक दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार यदि राज्य को एक एम्स जैसा संस्थान दे दे तो क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो सकेगा.

बिहार के औरंगाबाद से भाजपा के सुशील सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग 139 को चार लेन में परिवर्तित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस राजमार्ग पर यातायात का दबाव अधिक हो गया है.

राजस्थान के राजसमंद से भाजपा की दिया कुमारी ने रामगढ़ बांध के सूख जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि यह बांध जयपुर शहर की लाखों की आबादी की प्यास बुझाने वाला है, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता की वजह से सूख गया है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है, इसलिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को इसे पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

शून्यकाल के दौरान रेखा वर्मा, तेलुगू देसम पार्टी के राममोहन नायडू और कई अन्य सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र अथवा प्रदेश से जुड़े मुद्दे उठाए.

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