नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. उनके खिलाफ कर्तव्यों के निष्कासन के आरोपों की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डीयू के विजिटर के रूप में अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए वीसी योगेश त्यागी को निलंबित किया है.
राष्ट्रपति कोविंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी को निलंबित किया इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि राष्ट्रपति के आदेश पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी को निलंबित किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि बतौर वीसी योगेश त्यागी द्वारा मेडिकल ग्राउंड पर अनुपस्थिति के दौरान जारी किए गए आदेश तत्काल प्रभाव से निष्प्रभावी माने जाएंगे.
केंद्रीय विश्वविद्यालय में वर्चस्व की लड़ाई के बीच यह कदम उठाया गया है.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राष्ट्रपति ने त्यागी को निलंबित कर दिया है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जांच निष्पक्ष हो और वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकें.
अधिकारी ने कहा, चिकित्सीय आधार पर योगेश त्यागी के अनुपस्थित रहने के दौरान उनकी तरफ से जारी सभी आदेशों को दरकिनार कर दिया गया है और उन्हें खारिज माना जाएगा.
त्यागी दो जुलाई को आपातकालीन चिकित्सा स्थिति में एम्स में भर्ती हुए थे ओर तब से वह छुट्टी पर हैं. सरकार ने त्यागी के पदभार ग्रहण करने तक प्रति कुलपति पी. सी. जोशी को कुलपति का प्रभार दिया था.
मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, कुलपति प्रावधानों के मुताबिक विश्वविद्यालय का प्रशासन नहीं चला रहे थे, जिससे दिल्ली विश्वविद्यालय में कुप्रशासन का आलम था और कामकाज सही तरीके से नहीं हो रहा था. यह विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल के लिए उपयुक्त नहीं था.
अधिकारी ने बताया, भारत के राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के तौर पर उपलब्ध साक्ष्यों एवं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कर्तव्य में लापरवाही के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए हैं. राष्ट्रपति ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और विश्वविद्यालय के साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
पिछले हफ्ते विवाद तब छिड़ गया जब त्यागी ने बृहस्पतिवार को जोशी को प्रति कुलपति के पद से हटा दिया और गीता भट्ट को विश्वविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड का निदेशक बना दिया.
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इस बीच जोशी ने नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी जिनका बुधवार को कार्यकारी परिषद् ने साक्षात्कार किया और नियुक्ति को मंजूरी दे दी.
बहरहाल, इसी दिन त्यागी ने पी. सी. झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने की अधिसूचना को मंजूरी दे दी.
मंत्रालय ने कुलपति और प्रति कुलपति के बीच चल रही इस वर्चस्व की लड़ाई में दखल दिया और कहा कि त्यागी द्वारा की गई नियुक्तियां वैध नहीं हैं क्योंकि वह छुट्टी पर हैं.
वर्चस्व की लड़ाई तब और तेज हो गई जब झा ने मंत्रालय को पत्र लिखकर खुद को कार्यवाहक रजिस्ट्रार बताया और कहा कि त्यागी द्वारा लिए गए सभी निर्णय विश्वविद्यालय के नियमों के मुताबिक हैं. मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.