नई दिल्ली: फरवरी, 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं में 53 लोगों की मौत हुई थी. हिंसा के कारण 581 लोग घायल हो गए थे जिनमें से 97 गोली लगने से घायल हुए थे. यह दावा दिल्ली पुलिस के आरोप-पत्र में किया गया है. इस मामले की पूरक चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं कार्यकर्ता अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार राहुल रॉय के नाम भी शामिल किए हैं. इन लोगों के नाम सह-षड्यंत्रकर्ताओं के रूप में दर्ज किए गए हैं.
आरोप है कि इनमें से कुछ लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को 'किसी भी हद तक जाने को कहा', सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए.
बता दें कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में 23 से 26 फरवरी, 2020 के बीच दंगे हुए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस के पूरक आरोप-पत्र में येचुरी और योगेंद्र यादव सरीखे लोगों के नाम शामिल हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दंगों को लेकर पुलिस ने जो पूरक आरोप-पत्र दायर किया है, उसकी प्रति में इन सभी के नाम हैं. इन जाने माने लोगों को तीन छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपी बनाया गया है.
योगेंद्र यादव से इस बारे में जब बार-बार संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने देखा कि मेरे बारे में की गयी टिप्पणी में मेरे भाषण का एक भी वाक्य नहीं है. मुझे हैरानी है कि दिल्ली पुलिस ने मेरे भाषणों की रिकॉर्डिंग देखने की जहमत भी नहीं उठाई जो सार्वजनिक हैं.'
जेएनयू की छात्राएं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा 'पिंजरा तोड़' आंदोलन की सदस्य भी हैं. इन लोगों को जाफराबाद हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया है. तीनों ही छात्राओं के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज हैं. बता दें कि दंगे जाफराबाद से शुरू होकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अन्य हिस्सों तक फैल गए थे.
गौरतलब है कि 'पिंजरा तोड़' छात्राओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण नियम बनाने के विरोध में शुरू हुआ था. इसके अलावा इस आंदोलन के दौरान छात्राओं के साथ यौन प्रताड़ना की घटनाएं, हॉस्टल लौटने के समय पर टिप्पणी के खिलाफ भी अभियान छेड़ा जाता रहा है.