दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दिल्ली हिंसा पर बोले अमर्त्य सेन- अल्पसंख्यकों को किया गया प्रताड़ित, पुलिस रही विफल

राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी इलाके में संशोधित नागरकता कानून को लेकर हुई हिंसा पर नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने चिंता जताई है. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सेन ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है और लोगों को धर्म के आधार पर बांटा नहीं जा सकता. पढ़ें पूरी खबर...

Amartya Sen on Delhi riots
अमर्त्य सेन (फाइल फोटो)

By

Published : Mar 1, 2020, 9:51 AM IST

Updated : Mar 3, 2020, 1:03 AM IST

कोलकाता : दिल्ली में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा नहीं जा सकता.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या पुलिस अक्षम है या हिंसा से निबटने के लिए सरकार की तरफ से प्रयासों में कमी थी.

प्रतीचि ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सेन ने कहा, 'मैं बहुत चिंतित हूं कि यह जहां हुई वह देश की राजधानी है और केंद्र द्वारा शासित है. अगर अल्पसंख्यकों को वहां प्रताड़ित किया जाता है और पुलिस ‍विफल या अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहती है तो यह गंभीर चिंता का विषय है.'

उन्होंने कहा, 'ऐसी खबर है कि जो लोग मारे गए या जिन्हें प्रताड़ित किया गया उनमें अधिकतर मुसलमान हैं. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, हम हिंदू और मुसलमानों को बांट नहीं सकते. एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं चिंता होने के अलावा कुछ और नहीं कर सकता.'

सेन ने हालांकि कहा कि वह पूरे मामले का विश्लेषण किये बगैर कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते. उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति एस मुरलीधर का दिल्ली उच्च न्यायालय से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पर सवाल उठना स्वाभाविक है.

दिल्ली हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण, कुछ लोग राजनीति चमकाने के लिए जला रहे देश- किरण खेर

सेन ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें जानता हूं. सवाल उठने स्वाभाविक हैं, लेकिन मैं कोई फैसला नहीं सुना सकता.'

Last Updated : Mar 3, 2020, 1:03 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details