नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में बीते दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. इस क्रम में उसने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर हिंसा भड़काने का गंभीर आरोप लगाया है.
दिल्ली हिंसा के पीछे किन लोगों का हाथ है, इसका पता लगाने के लिए सीपीएम ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
आपको बता दें कि गत माह 24 से 26 फरवरी के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोग मारे गए और लगभग दो सौ लोग घायल हुए थे.
सीपीएम के वरिष्ठ नता हन्नान मोल्लाह ने इस मसले पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'इस हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस की भूमिका पर हमें गंभीर संदेह है. हम उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करते हैं.'
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे दंगों के दौरान बनाए गए वीडियो का जिक्र करते हुए मोल्लाह ने कहा कि कुछ वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी उपद्रवियों के साथ मिलकर एक समुदाय विशेष के ऊपर पत्थर फेंक रहे हैं.
वहीं दंगों की जांच के सवाल पर मोल्लाह ने कहा, 'दिल्ली हिंसा की सीबीआई या अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा निष्पक्ष जांच सभव है ही नहीं क्योंकि हमारा मानना है कि इस सांप्रदायिक हिंसा में सरकार, दिल्ली पुलिस और दंगाई तीनों मिले हुए थे. तीनों की भागीदारी से यह हिंसा हुई है.'