नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. इसके कारण परेशानी झेल रहे सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इच्छा व्यक्त की कि वे खराब वायु गुणवत्ता के कारण शहर छोड़कर जाना चाहते हैं.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को शाम चार बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 494 दर्ज किया गया जो छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है. उस दिन एक्यूआई 497 था.
दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया. आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई फरीदाबाद में 493, नोएडा में 494, गाजियाबाद में 499, ग्रेटर नोएडा में 488 और गुड़गांव में 479 रहा.
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई 'सफर' ने बताया कि शहर का समग्र एक्यूआई शाम करीब पांच बजे सर्वाधिक 708 पर पहुंच गया जो कि शून्य से 50 के सुरक्षित स्तर से 14 गुणा अधिक है.
एक्यूआई 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101-200 के बीच 'मध्यम', 201-300 के बीच 'खराब', 301-400 के बीच 'अत्यंत खराब', 401-500 के बीच 'गंभीर' और 500 के पार 'बेहद गंभीर' माना जाता है.
शनिवार को कहीं-कहीं हुई बारिश से आर्द्रता बढ़ गई जिसकी वजह से धुंध और बादलों के कारण सूर्य की किरणों की गर्मी जमीन तक नहीं पहुंच सकी और विनाशकारी धुंध बढ़ गई.
दिल्ली हवाईअड्डे पर धुंध के कारण कम दृश्यता की वजह से 37 विमानों का मार्ग परिवर्तित करके उन्हें अन्य हवाईअड्डों पर भेजना पड़ा.
प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाने के कारण गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव एवं फरीदाबाद में प्रशासनों ने पांच नवंबर तक सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद करने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार शुक्रवार को ही पांच नवंबर तक स्कूल बंद रखे जाने का आदेश दे चुकी है.
मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी 'स्काईमैट वेदर' के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक महेश पलावत ने कहा, 'रविवार को वायु की गति काफी बढ़ गई थी, लेकिन कहीं-कहीं बारिश के बाद आर्दता बढ़ने के कारण धुंध और छाए बादलों ने सूर्य की किरणों को जमीन पर नहीं पहुंचने दिया. इसके परिणामस्वरूप जमीन के निकट वायु ठंडी एवं भारी रही.'