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JNUSU ने कैंपस हिंसा में दिल्ली पुलिस की जांच को 'धोखाधड़ी और फर्जी' बताया

जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने विश्वविद्यालय परिसर में गत पांच जनवरी को हुई हिंसा को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और छात्रसंघ पदाधिकारियों ने जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है.

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जेएनयू

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Published : Jan 11, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 11:09 PM IST

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने शनिवार को अन्य पदाधिकारियों संग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जेएनयू कैंपस में हुई बीती पांच जनवरी को हुई हिंसा के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और दिल्ली पुलिस को हमले का जिम्मेदार ठहराया है.

आईशी ने कहा, 'प्रशासन का सर्वर नार्थ गेट में रहता है, आपके पास सबूत क्यों नहीं है. अगर सर्वर टूट गया है तो ग्रुप मेल हमारे पास कैसे आ रहे हैं. मेरे ऊपर लोहे की रॉड से हमला हुआ था, मैं अपनी जान बचा रही थी.'

आईशी घोष का बयान.

घोष ने कहा कि ABVP का हमला प्लांट था, संगठित साजिश थी. मीडिया के साथियों के सामने हमला हुआ. सौरभ शर्मा प्रोफेसर होते हुए हमला करते हैं. तपन कुमार बिहारी ने कई बार हमला करवाया, उनके घर पर ही गुंडे थे.

उन्होंने कहा, 'आज तक मेरी याचिका पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई. कुलपति से हम बात नहीं कर सकते. यही बात हमने एमएचआरडी के सामने कही थी. बीते चार सालों से कुलपति ऐसे ही करते हैं. कुलपति को हटाना ही अंतिम विकल्प है. विवि में हॉस्टल फीस के साथ हम रजिस्ट्रेशन नहीं लेंगे, बस ट्यूशन फीस देने के लिए तैयार हैं. रजिस्टेशन को लेकर कई दिक्कते हैं.'

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मीडिया कांफ्रेंस में उपस्थित एक छात्र ने कहा, 'एबीवीपी के छात्रों ने हम लोगों पर हमला किया था. जिनमें शिवम चौरसिया, मनीष कुमार आदि शामिल थे.'

छात्र ने कहा कि वारदात के समय दिल्ली पुलिस मौजूद थी, परन्तु वह सिर्फ मुकदर्शक बनी देखती रही.

वहीं एक दूसरे छात्र ने जेएनयू टीचर्स फेडरेशन के अध्यापकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस हिंसा में वे भी शामिल थे.

Last Updated : Jan 11, 2020, 11:09 PM IST

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