नई दिल्ली : उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले कमलेश भट्ट नाम के युवक की मौत 17 अप्रैल को अबूधाबी में हुई थी. वह वहां की एक कंपनी में कार्यरत था. सूचना मिलने के बाद परिवार वालों ने विदेश मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली थी. 23 अप्रैल को उसका शव भारत लाया गया. लेकिन गृह मंत्रालय के एक सर्कुलर का हवाला देकर उसे वापस लौटा दिया गया.
इसके बाद कमलेश भट्ट के चचेरे भाई विमलेश भट्ट ने शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई. विमलेश ने आव्रजन विभाग के फैसले के खिलाफ अपील की थी. उसके अनुसार विभाग ने उन्हें गृह मंत्रालय का वो सर्कुलर भी नहीं दिया, जिसके आधार पर कमलेश का शव वापस लौटाया गया.
विमलेश के वकील रितुपर्ण उनियाल ने बताया कि हमने कोर्ट से केन्द्र सरकार को निर्देश देने की अपील की है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई की. केन्द्र सरकार के वकील कीर्तिमान सिंह ने नोटिस को प्राप्त किया. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि छुट्टी होने के बावजूद मानवीय संवेदना के आधार पर पूरे मामले की कोर्ट ने सुनवाई की.
अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने कोर्ट को बताया कि केन्द्र सरकार संबंधित दूतावास से पूरी जानकारी दरयाफ्त कर रही है, ताकि कमलेश के शव को भारत लाया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार के वरीय अधिकारी पूरे मामले को देख रहे हैं. उच्चस्तर पर इसकी चर्चा भी की गई है.
तीन भारतीयों के शव दुबई में हैं. सूत्रों के अनुसार दो अन्य शव पंजाब से है. सूत्रों की मानें तो इनमें से किसी की भी मौत कोरोना से नहीं हुई है. कमलेश की मौत हार्ट अटैक से हुई. ईटीवी भारत के पास उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध है.