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निर्भया केस : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

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Published : Feb 2, 2020, 11:43 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:04 PM IST

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट के अमल पर रोक लगा दी थी. इससे केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. फिलहाल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनावई पूरी हो गई है. कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने दोषी अपनी फांसी को टालने के लिए जानबूझकर तथा बहुत सोच समझकर कानूनी मशीनरी से खेल रहे हैं.

निर्भया.
निर्भया.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले में चारों दोषियों की फांसी पर लगी रोक को चुनौती देने वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है और मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय में कहा निर्भया मामले के दोषी अपनी फांसी को टालने के लिए जानबूझकर तथा बहुत सोच समझकर कानूनी मशीनरी से खेल रहे हैं.

मेहता ने न्यायमूर्ति सुरेश कैत से कहा कि पवन गुप्ता जानबूझकर सुधारात्मक या दया याचिका दायर नहीं कर रहा.

मेहता ने अदालत से कहा, 'कानूनी मशीनरी से खेलने के लिये जानबूझकर और सोच समझकर चालें चली जा रही है.'

दिल्ली उच्च न्यायालय निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले में चारों दोषियों की फांसी पर लगी रोक को चुनौती देने वाली केन्द्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया के दोषियों के डेथ वारंट के अमल पर रोक लगा दी थी. इससे केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस बिफर गई है. दोनों ने

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा है कि निर्भया के दोषियों ने कानून का मजाक बनाकर रख दिया है.

याचिका में हाईकोर्ट से यह भी मांग की गई है कि वह पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए चारों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने का आदेश दे.

उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति सुरेश कैत के समक्ष मामले की सुनवाई चल रही है. और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केन्द्र सरकार की ओर से दलीलें पेश कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 28, 2020, 9:04 PM IST

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