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दिल्ली : 31 अक्टूबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रहेगी वायु गुणवत्ता

दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी पहुंच गई है. जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता सोमवार को लगातार चौथे दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. मौसम विभाग के मुताबिक, वायु की गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी.

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता

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Published : Oct 26, 2020, 11:14 PM IST

Updated : Oct 28, 2020, 4:15 PM IST

नई दिल्ली :राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जहरीले धुंध की परत छाने के बीच सोमवार को वायु की गुणवत्ता लगातार चौथे दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई.

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था 'सफर' ने कहा है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी.

दिल्ली शहर में सोमवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 353 रहा. रविवार को यह 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था.

शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच एक्यूआई को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर' माना जाता है.

'सफर' के मुताबिक, हवा की दिशा और हवा की गति हरियाणा, पंजाब और अन्य पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलने से निकले प्रदूषक तत्त्वों के दिल्ली पहुंचने के लिए अनुकूल है.

केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली 'सफर' ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता के प्रभावित होने की आशंका है.

वहीं, पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र (EMRC) के प्रमुख विनय कुमार सोनी ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक आज 'बहुत खराब' श्रेणी के अंतर्गत है और हम उम्मीद करते हैं कि कल इसमें सुधार होगा. हालांकि, यह 'गरीब' से 'बहुत गरीब' श्रेणी में रहेगा. यह 28 अक्टूबर को फिर से बढ़ेगा और 31 अक्टूबर तक 'बहुत गरीब' श्रेणी में बना रहेगा.

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र (EMRC) के प्रमुख विनय कुमार सोनी

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मौसम की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर आईएमडी अधिकारी ने कहा कि हवा की कम गति, विशेष रूप से शाम और रात के समय के कारण प्रदूषकों का फैलाव खराब है.

सोनी ने कहा कि 25 अक्टूबर को, हमने पंजाब और हरियाणा में स्टब बर्निंग फायर पॉइंट में तेज वृद्धि देखी है. पंजाब में 1515 फायर प्वाइंट दर्ज किए गए हैं और हरियाणा में भी इतनी वृद्धि देखी गई है. यह न केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र बल्कि पूरे इंडो-गैंगेटिक प्लेन की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है.

Last Updated : Oct 28, 2020, 4:15 PM IST

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