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शांति समझौते पर हस्ताक्षर से पहले गैर-बोडो का भी रखे ध्यान असम सरकार : कांग्रेस - एनडीएफबी

बोडो समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बीच रविवार को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से अपील की है कि वह सभी पक्षकारों को विश्वास में लेने के बाद ही शांति समझौता करे.

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देबब्रत सैकिया

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Published : Jan 26, 2020, 11:47 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 2:19 AM IST

गुवाहाटी: असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से रविवार को अपील है कि वे बोडो समूहों के साथ किसी भी शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले सभी पक्षकारों को विश्वास में लें.

असम के कुछ मौजूदा जिलों से 'यूनियन टेरिटोरियल कौंसिल' बनाने की कुछ समूहों की मांग पर राज्य सरकार के विचार करने संबंधी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए सैकिया ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा कि इन इलाकों में कई गैर-बोडो लोग भी रहते हैं.

सैकिया ने कहा, '2001 के बाद से 30 से अधिक गैर बोडो समूह मांग कर रहे हैं कि उनसे विचार विमर्श किए बिना किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाए. वे मौजूदा बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) में कई गैर-बोडो बहुल इलाकों को शामिल किए जाने से पहले ही नाखुश हैं'.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में यदि उनकी सहमति के बिना नए समझौते पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो यह विभिन्न समूहों के बीच शांति लाने के बजाए विभाजनकारी साबित होगा.

कांग्रेस नेता ने कहा, 'इसलिए मैं आपके संज्ञान में यह मामला लेकर आया हूं ताकि सभी समुदायों के सम्मानजनक जीवन संबंधी हर पहलू पर विचार किया जाए'.

गौरतलब है कि केंद्र ने उग्रवादी संगठन एनडीएफबी के सभी तीन धड़ों के साथ वार्ता आरंभ की है और आगामी कुछ दिनों में एक समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.

आपको बतादें कि असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को स्पष्ट किया था कि केंद्र और विभिन्न हितधारकों के बीच जिस नये शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, उसके तहत केंद्र राज्य के 'बोडोलैंड टेरीटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स' (बीटीएडी) को केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर अद्यतन नहीं करेगा.

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साथ ही सरमा ने यह भी कहा था कि नये समझौते के तहत किसी नये गांव या क्षेत्र को बीटीएडी में नहीं जोड़ा जाएगा.

Last Updated : Feb 28, 2020, 2:19 AM IST

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