नई दिल्ली : दिल्ली की स्पेशल सेल ने आतंकवादी संगठन कंगलिपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के दो संदिग्ध सदस्यों को दिल्ली के बुराड़ी से गिरफ्तार किया. दूसरी ओर उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है. हिंसा के बारे में अफवाह फैलने के बाद रविवार शाम पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न हिस्से में लोगों के बीच दहशत पैदा हो गई, लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसी भी घटना से इनकार किया और लोगों से शांति की अपील की.
दिल्ली पुलिस ने हिंसा को लेकर अफवाह फैलाने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शख्स को दिल्ली के रोहिणी इलाके से गिरफ्तार किया है.
दोनों मणिपुर से बाहर रहकर अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने के लिए फंड जुटा रहे थे. दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था और गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों की पहचान लैश्रम मंगोलीजाओ और हिजबुल रहमान के रूप में की गई है. लैश्रम मणिपुर के प्रतिबंधित आतंकी संगठन कंगलैपक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) का अध्यक्ष हैं. वहीं हिजबुर रहमान इस आतंकी संगठन के लिए रुपये जुटाने का काम करता है. दोनों मणिपुर से बाहर रहकर काम कर रहे थे, जिसकी वजह से वह पुलिस की पकड़ में नहीं आते थे.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा कि उसने सात मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए, लेकिन कोई कारण नहीं बताया. स्टेशनों को बाद में खोल दिया गया.
डीसीपी (पश्चिम) दीपक पुरोहित ने बताया, 'पश्चिमी जिले के खयाला-रघुबीर नगर इलाके में तनाव को लेकर एक अफवाह की जानकारी मिली है. इसमें जरा भी सचाई नहीं है. सभी से शांति बनाए रखने की अपील की जाती है क्योंकि स्थिति पूरी तरह सामान्य और शांतिपूर्ण हैं.' उन्होंने कहा, 'तिलक नगर और खयाला इलाके में सांप्रदायिक तनाव संबंधी कुछ अफवाहें फैलायी गयी हैं. यह सूचित किया जाता है कि तिलक नगर और खयाला तथा समूचे पश्चिमी जिला क्षेत्र में कहीं तनाव नहीं है. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.'
उत्तरपूर्व दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों के करीब एक हफ्ते बाद रविवार को भी स्थिति शांत पर तनावपूर्ण बनी हुई है. इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती जारी है.
रविवार को गोकलपुरी और शिव विहार इलाके के नाले से चार और शव बरामद किए गए. हालांकि पुलिस के अनुसार यह स्पष्ट नहीं कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं. प्रशासन ने मौतों के आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया है.