देहरादूनः 10 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले दोषी जयप्रकाश को सजा-ए-मौत दी गई है. ये फैसला प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट (POCSO) कोर्ट की न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत में सुनाया गया है.
आपको बता दें, अदालत ने भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की 320, 201, 376, 377 और POCSO अधिनियम 5/6 के तहत दोष साबित होने पर दोषी को मौत की सजा सुनाई है. नए POCSO अधिनियम के तहत धारा 376, 377, 302 के अंतर्गत ये सजा सुनाई गई है.
बता दें, धारा 201 में पांच साल की सजा और POCSO एक्ट 5/ 6 का दोषी करार देते आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इतना ही नहीं अभियुक्त जयप्रकाश पर कोर्ट ने 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं कोर्ट ने देहरादून जिलाधिकारी को एक लाख रुपए पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.
सरकारी वकील भरत सिंह नेगी के मुताबिक अगस्त 2018 से 28 अगस्त 2019 तक देहरादून के POCSO कोर्ट से अब तक चार नाबालिग बच्चियों के दुष्कर्म व हत्या मामले में चार युवकों को दोषी ठहराते हुए चार फांसी की सजाएं सुनाई जा चुकीं हैं.
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गौरतलब है, अगस्त 2018 में ऋषिकेश में दो मासूम बच्चियों की हत्या और दुष्कर्म मामले में गुरुद्वारे के सेवादार परवान सिंह को देहरादून POCSO कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी, जबकि उसके कुछ दिन बाद ही देहरादून चकराता क्षेत्र के त्यूणी में एक घटनाक्रम में नाबालिग के साथ रेप व हत्या मामले में मोहम्मद अजर को जज रमा पांडे द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी.