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पिछले एक दशक में निवेश के लिए आगे आए सिर्फ छह देश

केंद्र सरकार लगातार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कर रही है और यह देश के लिए जरूरी भी है. फिलहाल एफडीआई के आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले एक दशक में सिर्फ छह देशों ने भारत में निवेश किया है. यही नहीं, जिन क्षेत्रों में निवेश हुआ है उनसे भारत को कोई खास मदद नहीं मिल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 10, 2019, 3:34 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 4:57 PM IST

नई दिल्ली : बीते कुछ समय में अमेरिका और चीन के बीच बढ़े व्यापारिक तनाव के कारण पूर्वी और दक्षिण एशिया में एफडीआई लाने की तरफ काम शुरू हुआ है. केंद्र सरकार ने भी कई दफा देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाने की बात कही है.

2016-17 से ही देश में एफडीआई का आंकड़ा ठहरा हुआ है और यह 60-64 अरब अमरीकी डॉलर के आसपास रहा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि भारत में मौजूद विदेशी निवेशक अपनी कमाई के बड़े हिस्से को ही वापस बाजारों में लगा रहे हैं.

यह कमाई 10-13.5 अरब अमरीकी डॉलर या 70,0000-1 लाख करोड़ रुपये के आस पास है. वहीं चीन में 2015-18 के बीच यह आंकड़ा 196-128 अरब अमरीकी डॉलर रहा है. इन हालातों को और चिंताजनक यह बात भी बनाती है कि पिछले दशक में भारत में विदेशी निवेश छह देशों से ही हुआ है. इनमे मॉरिशस (30-35%), सिंगापुर(15-20%), जापान(5-10%), नीदरलैंड(5-10%), ब्रिटेन(5-7%), और अमरीका(5-7%) शामिल हैं.

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आंकड़ा

एफडीआई अगर तकनीक, तकनीकी संसाधन या अन्य विश्व संसाधनों का सृजन करने वाले क्षेत्र में हो, तो काफी फायदेमंद हो सकता है. ऐसी सूरत मे निवेश लंबे समय तक सक्रिय रहने वाली नौकरियों के अवसर पैदा करता है.

दुर्रभाग्यवश, एफडीआई के आंकड़े यह बताते हैं कि, यह निवेश ऐसे क्षेत्रों में गया है जो देश की अर्थव्यवस्था में कोई सीधा लाभ नही कर पा रहे हैं.

पढ़ें-विशेष लेख : भारत और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, नजरिया बदलने की है जरूरत

ज्यादा साफ आंकड़ों की कमी के बावजूद यह साफ है कि साल 2000 से, अधिकतर निवेश सेवा क्षेत्र(18%), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर(7%), निर्माण(7%), सूचना तकनीक(7%), ऑटोमोबाइल(5%), फार्मा(4.43%), ट्रेडिंग(4.23%),केमिकल(4%), ऊर्जा(3.49%), धातु(3.11%) और पर्यटन(3.06%) क्षेत्र में हुआ है.

यह साफ करता है कि भारत ऐसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश ला रहा है जो विश्व स्तर पर उसे प्रतिस्पर्द्धा करने में मदद नही कर रहे हैं, बल्कि वो बड़े भारतीय बाजार को ही अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 10, 2019, 4:57 PM IST

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