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डिफेंस एक्पो 2020 : अब 'डारवी' के डोज से नहीं बच सकेंगे दुश्मन, अंधेरे में भी होगी सर्जिकल स्ट्राइक - डिफेंस एक्पो 2020 उत्तर प्रदेश में

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्पो 2020 में एक ऐसी राइफल दिखाई गई है, जिससे आतंकियों पर अंधेरे में भी सर्जिकल स्ट्राइक की जा सकेगी. अब डारवी राइफल डिवाइस दुश्मनों के लिए काल बनकर मैदान में आएगी और सेना के शौर्य बढ़ाएगी.

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डिफेंस एक्पो 2020

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Published : Feb 9, 2020, 3:21 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 6:22 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में चल रहे डिफेंस एक्पो 2020 में अब मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत टेक्नोलॉजी कंपनी ने एक ऐसी नाइट विजन राइफल डिवाइस तैयार की है, जो सेना के बड़े ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान अंधेरे में भी दुश्मनों पर अचूक टारगेट साधने में सहायक होगी. खास बात यह है कि अंधेरी रात में भी पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग करेगी. इसकी मॉनिटरिंग कहीं से भी की जा सकती है. देश की एक टेक्नोलॉजी कंपनी ने स्वदेशी तकनीक से नाइट विजन डिवाइस यह राइफल बनाई है, जिसका का नाम 'डारवी' रखा गया है.

ऑपरेशन की होगी रियल टाइम वीडियो रिकॉर्डिंग
सर्जिकल स्ट्राइक जैसे बड़े ऑपरेशन की रियल टाइम वीडियो और उसकी रिकॉर्डिंग करने की क्षमता डारवी नाइट विजन राइफल डिवाइस में है. राजधानी लखनऊ में आयोजित किए गए डिफेंस एक्सपो 2020 में इस खास राइफल की प्रदर्शनी लगाई गई है. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी देश के अंदर से सबूत मांगने की बात हुई, लेकिन सेना के पास इस ऑपरेशन के दौरान के सबूत नहीं थे. इसको ध्यान में रखते हुए टेक्नोलॉजी कंपनी ने इस डिवाइस को तैयार किया है.

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राइफल को देखकर लोगों में उत्साह
इस खास डिवाइस की जब डिफेंस एक्सपो 2020 में प्रदर्शनी लगाई गई तो देखने वाले लोग इसे देखते ही रह गए. लोग इसके बारे में काफी उत्साहित थे. अब इस नाइट विजन राइफल डिवाइस से जब सेना के सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन होंगे, तो उन्हें रात के अंधेरे में भी कैमरे में कैद किया जा सकेगा. सबूत मांगने वालों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए इन सबूतों को पेश किया जा सकेगा.

एक डिवाइस नाइट विजन तैयार की गई है, जो रियल टाइम रिकॉर्डिंग करेगी और इसकी पूरी मॉनिटरिंग की जा सकती है. यह जहां दुश्मनों का टारगेट करेगी, वहीं रात के अंधेरे में भी पूरी साफ-सुथरी रिकॉर्डिंग की जा सकेगी. ऐसे में जब सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन होंगे, तो उन्हें करने के साथ ही उनके सबूत रखने जैसी बात हो सकेगी. यह डिवाइस सेना के जवानों के जो हेलमेट होते हैं उनमें फिट की जा सकती है.
आशीष पाठक, डायरेक्टर टेक टेक्नोलॉजी

Last Updated : Feb 29, 2020, 6:22 PM IST

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