नई दिल्ली : चक्रवाती तूफान 'महा' के कमजोर पड़ने के बाद अब दूसरे चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' के बंगाल की खाड़ी में तेज होने के पूरे आसार हैं. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' और खतरनाक रूप ले सकता है.
चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' से बचने के लिए राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRF) ने क्या तैयारियां की हैं, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान से बातचीत की. प्रधान ने बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अब चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' के खतरे से बाहर है, हालांकि इसका प्रभाव उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में दिखाई देगा.
प्रधान ने बताया कि चक्रवात 'बुलबुल' के आने में लगभग 24 से 48 घंटे का समय बचा है और इसी अनुसार एनडीआरएफ की टीमें उन स्थानों पर पहुंचाई जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह से तैयार है और चक्रवात में फंसे लोगों को बचाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे.
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने जानकारी दी कि चक्रवात के खतरे को देखते हुए खुद प्रधानमंत्री ने मंगलवार को अंडमान निकोबार, उड़ीसा व पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की और चक्रवात से निबटने की तैयारियों का जायजा लिया.
बता दें कि चक्रवात 'बुलबुल' 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग अभी स्पष्ट नहीं कर सका है कि यह चक्रवात किस जगह पर लैंडफॉल करेगा. मौसम विभाग ने उड़ीसा में 'बुलबुल' चक्रवाती तूफान का अलर्ट जारी किया है और यह संभावना जताई है कि यह नौ नवम्बर को उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकरा सकता है.