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गहलोत पर राज्यपाल का पलटवार, पूछा- राजभवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी!

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Published : Jul 24, 2020, 7:42 AM IST

Updated : Jul 24, 2020, 10:32 PM IST

22:28 July 24

राजभवन की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल गंभीर

राजभवन की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल ने गंभीर होते हुए सीएम गहलोत से जानकारी मांगी.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने सुरक्षा के खतरे पर जानकारी मांगी.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा कि आपने जो कहा उससे मैं आहत हूं.

राज्यपाल को संविधान में दी गई शक्तियों के तहत निर्णय लेना होता है.

मेरा आपसे केवल इतना सवाल है कि क्या आपका गृह विभाग राजभवन की सुरक्षा नहीं कर सकता तो फिर प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या हालत होगी.

20:19 July 24

विधायकों का धरना खत्म, होटल के लिए रवाना

राजभवन में कांग्रेस विधायकों का धरना समाप्त हो गया है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात 9.30 बजे कैबिनेट बैठक बुलाई है. विधायक कुछ ही देर में होटल के लिए रवाना होंगे.

20:02 July 24

शनिवार को कांग्रेस का धरना

मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा

प्रदेश में चल रही सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता शनिवार को सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा की ओर से लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक कांग्रेस कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे. 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा की ओर से राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी नाराजगी जताएंगे. डोटासरा ने कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में लोग चाहते हैं कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करें. 8 करोड़ जनता ने जिस सरकार को चुनकर भेजा है, वह सरकार लोगों की मूलभूत सुविधाएं और प्रदेश के विकास को लेकर काम कर रही है.

'बीजेपी नहीं चाहती राजस्थान में सरकार स्थिर रहे'

डोटासरा ने कहा कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व षड्यंत्र कर रहा है और वह नहीं चाहता कि सरकार यहां पर स्थिर रहे. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हमारे कुछ साथियों को अपहरण कर और जबरन अपने साथ मिलाकर सरकार गिराने का प्रयास कर रहे हैं.

17:57 July 24

गहलोत बोले जारी रहेगा विरोध

मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत

विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र में अब सीधी तकरार शुरू हो गई है. सीएम गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन में धरना शुरू कर चुके हैं, तो वहीं राज्यपाल कोरोना जैसे संकट में और इतने शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाने की अनुमति नहीं देने के अपने फैसले पर कायम हैं. 

इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब सत्ता पक्ष सत्र बुलाना चाहता है और उन्हें उसकी अनुमति नहीं मिल रही है. गहलोत ने कहा कि हमारे पास बहुमत है, चिंता हमें होनी चाहिए कि हम सत्ता पक्ष में है, हम सरकार चला रहे हैं, लेकिन राज्यपाल की ओर से सत्र नहीं बुलाने का फैसला समझ से परे है.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं. यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि राज्यपाल बिना ऊपरी दबाव के विधानसभा सत्र को रोक नहीं सकते. उन्होंने गुरुवार को फैसला क्यों नहीं लिया? हमने उनसे जल्द ही फिर से निर्णय लेने का अनुरोध किया है.  

गहलोत ने आगे कहा कि यकीन है कि राज्यपाल किसी दबाव में नहीं आएंगे और जल्द निर्णय लेंगे. हमें उम्मीद है कि विधानसभा सत्र जल्द शुरू होगा. फिलहाल हम यहां विरोध में बैठे हैं. राज्यपाल जब हमें सत्र शुरू होने के संबंध में पत्र दे देंगे तो हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे.

15:29 July 24

विधायकों ने की राज्यपाल के सामने नारेबाजी

विधायकों ने किया प्रदर्शन

कांग्रेस और समर्थित विधायक राजभवन में बने लोन में बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र भी विधायकों के बीच मुख्यमंत्री के साथ पहुंचे, लेकिन उस समय भी विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे.

विधायकों ने राजभवन में तानाशाही नहीं चलेगी, अशोक गहलोत जिंदाबाद, विधानसभा सत्र बुलाओ और अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं.. जैसे नारे लगाए. हालांकि, विधायकों ने राज्यपाल की गरिमा को देखते हुए नारेबाजी बंद कर दी. वहीं, राजभवन में गतिरोध बरकरार है. विधायकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे.

15:12 July 24

राजभवन में अन्य विधायक

विधायकों की राज्यपाल के सामने नारेबाजी

जानकारी के अनुसार राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा हुई. राज्यपाल ने कहा कि इतने शार्ट समय में सत्र नहीं बुला सकते हैं. वहीं, इसके बाद मुख्यमंत्री ने भी उन्हें नियमों के आधार पर जानकारी दी. बता दें कि अब राज्यपाल अपने चेंबर में है और मुख्यमंत्री, वरिष्ठ मंत्रियों और विधायकों से चर्चा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि उसके बाद नियमों को लेकर और चर्चा हो सकती है.

कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों का समर्थन पत्र भी राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंप दिया है, लेकिन ऐसे हालातों में लगता नहीं है कि विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा. इसके पीछे कहा जा रहा है कि कोरोना की गाइडलाइन को आधार बनाया गया है.

15:08 July 24

राज्यपाल से मिले सीएम गहलोत

राज्यपाल से मिले मुख्यमंत्री गहलोत

राजस्थान में चल रहा सियासी महासंग्राम अब सरकार और राजभवन के बीच संग्राम में तब्दील हो चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन में जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से अकेले मुलाकात की. 

14:19 July 24

राज्यपाल से मिलने पहुंचे गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे हैं. वे राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलेंगे. सूत्रों का कहना है कि सीएम राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर चर्चा करेंगे. 

14:09 July 24

राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित सभी बागी 19 विधायकों को राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर की ओर से जारी नोटिस पर यथास्थिति के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बना लिया है.

अदालत ने सचिन पायलट सहित अन्य बागी विधायकों को कांग्रेस और विधानसभा का सदस्य बनाए रखने के संबंध में सुनवाई से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान की अनुसूची 10 के पैरा 2 का उल्लंघन सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों पर लागू नहीं होता है, इस संबंध में कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा.

14:07 July 24

अब भाजपा भी जाएगी राजभवन

  • प्रदेश में सियासी घमासान तेज
  • शाम 4:00 बजे राजभवन जाएंगे भाजपा के प्रमुख नेता
  • प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की अगुवाई में जाएंगे राजभवन
  • राज्यपाल से करेंगे मुलाकात
  • राजभवन की ओर कांग्रेस विधायकों का कूच
  • बस में बैठकर राजभवन जा रहे सभी विधायक
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी हुए रवाना
  • राज्यपाल कलराज मिश्र से करेंगे मुलाकात

14:07 July 24

सीएम की प्रेस वार्ता

  • राजस्थान में तोड़फोड़ की ऐसी परंपरा नहीं आए हैं भैरों सिंह शेखावत के समय दो बार ऐसी परिस्थिति आई थी लेकिन मैं खुद बलिराम भगत राज्यपाल के साथ गया था और कहा था कि ऐसा राजस्थान में नहीं होता है.
  • दुख इस बात का है कि जो फैसला नहीं हुआ है टेलीफोन पर राज्यपाल से एक बार फिर बात की है कि आपका एक संवैधानिक पद है उसकी गरिमा के आधार पर उचित फैसला लें वरना सभी विधायक मिलकर आपसे रिक्वेस्ट करेंगे कि आप अपना फैसला दें और हम असेंबली सोमवार से शुरू करना.
  • दुख इस बात का है कि जो फैसला नहीं हुआ है टेलीफोन पर राज्यपाल से एक बार फिर बात की है कि आपका एक संवैधानिक पद है उसकी गरिमा के आधार पर उचित फैसला लें वरना सभी विधायक मिलकर आपसे रिक्वेस्ट करेंगे कि आप अपना फैसला दें और हम असेंबली सोमवार से शुरू करना.
  • विधानसभा में दूध का दूध पानी पानी हो जाएगा फ्लोर पर डिस्कशन होगा. पब्लिक और मीडिया के डोमेन में आएगा. लेकिन यह समझ से परे है कि उन पर किस प्रकार का दबाव पड़ रहा है. यह हम नहीं जानते लेकिन किस कारण से यह रोका गया हमें समझ में नहीं.
  • हमारे पास स्पष्ट बहुमत है हमें कोई दिक्कत नहीं है. चिंता हमें होनी चाहिए सरकार हम चला रहे हैं. इसके बावजूद भी परेशान वह हो रहे हैं. हमारे कुछ साथी जिन को बंधक बना रखा है. हरियाणा के अंदर वह बीजेपी की देखरेख में बंधक बने हुए हैं यह सबको मालूम है.
  • वह हमारे अपने साथी हैं हो सकता है वहां बाउंसर लगा रखे हो पुलिस लगा रखी हो टेलीफोन सीज कर लिए हैं उन सब विधायकों के कई लोग परेशान भी है दिमाग भी है उनकी आंखों में आंसू भी आ रहे हैं टेलीफोन भी कर रहे हैं हम लोगों को कि हमें छुड़ाया जाए उसकी परवाह केंद्र सरकार को नहीं है.
  • हरियाणा में भाजपा की सरकार है यह खेल भाजपा के नेताओं का षड्यंत्र है जैसा उन्होंने कर्नाटक में किया था जैसा उन्होंने मध्यप्रदेश में किया गया था राजस्थान में भी करना चाहते हैं राजस्थान में पूरे प्रदेश की जनता और विधायक हमारे साथ हैं.

12:51 July 24

सीएम अशोक गहलोत.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले-राज्यपाल से रिक्वेस्ट की थी असेंबली का सेशन बुलाने के लिए जिसमें कोरोना वायरस परिस्थितियों और लॉकडाउन की स्थितियों पर चर्चा करनी थी

  • हमें उम्मीद थी कि रात को ही राजपाल आदेश जारी कर देंगे लेकिन रात भर इंतजार के बावजूद अब तक राजभवन से आदेश नहीं हुए हैं यह हमारी समझ से परे है कि जो साधारण प्रक्रिया अपनाई जाती है उसमें राजभवन को विधानसभा क्षेत्र रोकने का कोई कारण नहीं है
  • हमारा मानना है कि ऊपर के दबाव के चलते यह हो रहा है इस बात का हमें दुख है जब हम फ्लोर पर जाना चाहते हैं.
  • एक तरफ तो मांग की जा रही थी विपक्षी पार्टियों द्वारा भी यह मांग की जा रही थी कि असेंबली में क्यों नहीं जाते हैं और आज जब हम विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार हैं पूरे प्रदेश की जनता देख रही है कि राजस्थान में हो क्या रहा है.

12:50 July 24

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे विधायक शुक्रवार दोपहर को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे. राजभवन सूत्रों ने बताया कि विधायकों को दोपहर साढ़े बारह बजे का समय दिया गया है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने आएंगे. उल्लेखनीय है कि राज्य में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री गहलोत हफ्ते भर में तीन बार राज्यपाल से मुलाकात कर चुके हैं.

12:48 July 24

राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्यता के नोटिसों पर यथास्थिति बरकरार रखने का शुक्रवार को आदेश दिया. पायलट खेमे ने इन नोटिसों के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था, जिनके तहत उन्हें राज्य विधानसभा से अयोग्य करार दिया जा सकता है.

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों द्वारा दायर उस याचिका पर भी सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें केंद्र सरकार को उनकी याचिका में प्रतिवादी के तौर पर शामिल करने का अनुरोध किया गया है.

11:23 July 24

पायलट गुट को हाईकोर्ट से राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने पायलट गुट को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. इसका मतलब है कि पायलट गुट के विधायकों पर स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे. हालांकि, ये अंतिम फैसला नहीं है. 

11:17 July 24

स्पीकर ने केंद्र को पक्षकार नहीं बनाने की अपील की

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने हाईकोर्ट से अपील की है कि केंद्र को पक्षकार नहीं बनाया जाए. इस अपील को खारिज कर दिया जाए. 

11:04 July 24

पायलट की याचिका पर सुनवाई

राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट की याचिका पर सुनवाई शुरू हो चुकी है. इस मामले में केंद्र सरकार भी पक्षकार बन गई है. हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. इस फैसले को पायलट के लिए अच्छा माना जा रहा है. 

10:41 July 24

सचिन पायलट नोटिस प्रकरण में केन्द्र सरकार को पक्षकार बनाया. सुनवाई 15 मिनट तक टली

07:00 July 24

राजस्थान लाइव

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर आज फैसला सुना सकता है.  

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामले में 21 जुलाई को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था. इसके साथ ही स्पीकर से आग्रह किया था कि वो हाईकोर्ट के आदेश देने तक नोटिस पर प्रस्तावित कार्यवाही को स्थगित रखें.

हाईकोर्ट के इस फैसले का स्पीकर सीपी जोशी ने सम्मान करने की बात तो कही, लेकिन अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि उनके अधिकार संविधान में लिखे गए हैं और उसी के तहत उन्होंने विधायकों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से इस संबंध में मुझे लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय नहीं लेने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे मैं क्षुब्ध हूं.

सीपी जोशी ने कहा कि 19 विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं को लेकर मैंने सिर्फ नोटिस जारी किए हैं जो कि मेरे क्षेत्राधिकार में है और जब तक में कोई फैसला नहीं करता तब तक यह मामला कोर्ट में नहीं जा सकता था. बावजूद इसके हाईकोर्ट की ओर से मुझे दो बार इन याचिकाओं के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया.

पायलट गुट की ओर से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की प्रार्थना दायर

पायलट गुट की ओर से एमएलए पीआर मीणा और अन्य ने स्पीकर नोटिस विवाद केस में बुधवार को हाईकोर्ट में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र दायर किया है. जिसमें कहा है कि प्रार्थियों ने याचिका में संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों को चुनौती दी है और ऐसे में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए. इसलिए अदालत इस मामले में केंद्र सरकार की विधि और न्याय मंत्रालय के सचिव को भी पक्ष कार बनाएं.  

पढ़ें :को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला : केंद्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश


सुप्रीम कोर्ट के अधीन रहेगा हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सचिन पायलट को स्पीकर की ओर से नोटिस देने के मामले में दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में गुरुवार के दिन सुनवाई हुई. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को तय की है. अदालत ने कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के निर्णय के अधीन रहेगा. न्यायाधीश अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश विधानसभा स्पीकर की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.  

हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें

पायलट गुट की याचिका के फैसले पर आज सबकी निगाहें टिकी हैं. भाजपा का कहना है कि राजस्थान हाईकोर्ट जो भी फैसला देगी, उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी. वहीं, हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही पायलट गुट या गहलोत गुट भी आगे की रणनीति तय करेंगे. फैसला जिस किसी भी पक्ष के विपरीत आएगा, वो पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है. हालांकि हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के अधीन ही रहेगा. ऐसे में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद ही तय हो पाएगा कि फैसला किसके पक्ष में गया है.  

Last Updated : Jul 24, 2020, 10:32 PM IST

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