जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर आज फैसला सुना सकता है.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामले में 21 जुलाई को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था. इसके साथ ही स्पीकर से आग्रह किया था कि वो हाईकोर्ट के आदेश देने तक नोटिस पर प्रस्तावित कार्यवाही को स्थगित रखें.
हाईकोर्ट के इस फैसले का स्पीकर सीपी जोशी ने सम्मान करने की बात तो कही, लेकिन अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि उनके अधिकार संविधान में लिखे गए हैं और उसी के तहत उन्होंने विधायकों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से इस संबंध में मुझे लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय नहीं लेने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे मैं क्षुब्ध हूं.
सीपी जोशी ने कहा कि 19 विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं को लेकर मैंने सिर्फ नोटिस जारी किए हैं जो कि मेरे क्षेत्राधिकार में है और जब तक में कोई फैसला नहीं करता तब तक यह मामला कोर्ट में नहीं जा सकता था. बावजूद इसके हाईकोर्ट की ओर से मुझे दो बार इन याचिकाओं के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया.
पायलट गुट की ओर से केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की प्रार्थना दायर
पायलट गुट की ओर से एमएलए पीआर मीणा और अन्य ने स्पीकर नोटिस विवाद केस में बुधवार को हाईकोर्ट में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र दायर किया है. जिसमें कहा है कि प्रार्थियों ने याचिका में संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों को चुनौती दी है और ऐसे में केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए. इसलिए अदालत इस मामले में केंद्र सरकार की विधि और न्याय मंत्रालय के सचिव को भी पक्ष कार बनाएं.
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सुप्रीम कोर्ट के अधीन रहेगा हाईकोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सचिन पायलट को स्पीकर की ओर से नोटिस देने के मामले में दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में गुरुवार के दिन सुनवाई हुई. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार को तय की है. अदालत ने कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के निर्णय के अधीन रहेगा. न्यायाधीश अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश विधानसभा स्पीकर की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें
पायलट गुट की याचिका के फैसले पर आज सबकी निगाहें टिकी हैं. भाजपा का कहना है कि राजस्थान हाईकोर्ट जो भी फैसला देगी, उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी. वहीं, हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही पायलट गुट या गहलोत गुट भी आगे की रणनीति तय करेंगे. फैसला जिस किसी भी पक्ष के विपरीत आएगा, वो पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है. हालांकि हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के अधीन ही रहेगा. ऐसे में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद ही तय हो पाएगा कि फैसला किसके पक्ष में गया है.