आंकड़ों से समझिए बिहार में 'दागदार राजनीति' की पूरी कहानी
By
Published : Sep 17, 2020, 5:34 PM IST
|
Updated : Sep 17, 2020, 6:52 PM IST
2015 विधानसभा चुनाव में भरे गए नामांकन पत्र के आधार पर दागी विधायकों के मामले में आरजेडी आगे हैं, वहीं जेडीयू करोड़पति विधायकों के मामले में सबसे आगे है.
दागदार राजनीति
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. इसके साथ ही पार्टियों का एक-दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. हर बार चुनाव में कुछ मुद्दों पर पार्टियां एक-दूसरे पर जमकर छींटाकशी करती हैं.
आगामी चुनाव के साथ ही कई अहम मुद्दे फिर सामने आ रहे हैं. 2015 की एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के कई विधायक करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. वहीं दागी विधायकों के मामले में भी कोई राजनीतिक दल पीछे नहीं है.
2015 एडीआर की रिपोर्ट चुनाव के पहले भरे जाने वाले नामांकन पत्र में उम्मीदवारों को अपने एजुकेशनल क्वालीफिकेशन, खुद के ऊपर दर्ज मामले या किसी तरह का आपराधिक इतिहास और अपनी कुल संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता है. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था उसके आधार पर एडीआर की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए.
किस दल के कितने दागी विधायक? एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक बिहार में दागी विधायकों के मामले में सबसे आगे राष्ट्रीय जनता दल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस, तीसरे नंबर पर जेडीयू और चौथे नंबर पर बीजेपी है.
पार्टी
दागी विधायक
आरजेडी
41%
कांग्रेस
40%
जेडीयू
37%
बीजेपी
35%
बिहार के करोड़पति विधायक बिहार में संपत्ति के मामले में सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक जेडीयू में हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस, तीसरे नंबर पर आरजेडी और चौथे नंबर पर बीजेपी के विधायक हैं.
बिहार में साक्षर विधायक विधायकों के एजुकेशनल क्वालीफिकेशन के बारे में भी एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है. बिहार के कुल विधायकों में से 134 विधायक ग्रेजुएशन से ज्यादा पढ़े हैं, जबकि 96 विधायक ग्रेजुएट हैं. साथ ही नौ विधायक सिर्फ साक्षर श्रेणी में आते हैं.