कोलकाता :राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की राज्य पुलिस बलात्कार पीड़ितों से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए गंभीर नहीं है.
राज्य में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने बाकी हैं. राज्य के प्रमुख विपक्षी दल इस चुनाव अभियान में राज्य में महिलाओं के खिलाफ संगठित अपराध को प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है.
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की महिला-कल्याण योजना जैसे कन्याश्री और रूपाश्री राज्य में महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगी.
अब सवाल उठता है कि इस साल महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर इतना ध्यान केंद्रित क्यों किया जा रहा है.
पिछले साल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए मसौदा मतदाता सूची के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 49 प्रतिशत है.
अतीत में कई बार ऐसा देखा गया है कि महिलाओं के मतदान पैटर्न ने चुनाव के परिणाम को निर्धारित किया है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री के रूप में बिहार की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने में महिला मतदाताओं ने अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने राज्य में शराबबंदी लागू करने के अपने वादे के जरिए महिलाओं का दिल जीत लिया था.
भाजपा के लोकसभा सदस्य और महासचिव, लॉकेट चट्टोपाध्याय के अनुसार, कन्याश्री और रूपाश्री जैसी योजनाएं आम जनता के लिए कागजों पर दिखाई देती हैं. वास्तव में टीएमसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाता. दूसरी ओर, राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं.