मुंबई : प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. पंडित जसराज का शव बुधवार को अमेरिका के न्यूजर्सी से मुंबई लाया गया था. अंतिम संस्कार में संगीत से जुड़े कई दिग्गज जुटे. अंतिम संस्कार से पहले उनके चाहने वाले लोगों ने पंडित जसराज के आवास पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
संगीत के मेवाती घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित जसराज का निधन सोमवार को 90 वर्ष की उम्र में हृदय गति रुक जाने से अमेरिका के न्यूजर्सी स्थित उनके आवास पर हो गया था.
कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब भारत में लॉकडाउन की घोषणा की गई तब वह अमेरिका में थे. गौरतलब है कि पंडित जसराज ने अपने आठ दशक की संगीत विरासत में कई जटिल रागों को जीवंत किया. पंडित जसराज के परिवार में पत्नी मधुरा, बेटा शारंग देव पंडित और बेटी दुर्गा जसराज हैं और दोनों संगीतकार हैं.
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संगीत मार्तंड पंडित की बेटी दुर्गा जसराज ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि बापूजी का दिल एक बच्चे की तरह था. वह लगातार सीखते रहने में विश्वास रखते थे. दुर्गा जसराज ने बताया, 'मैं, मेरे भाई (संगीतकार शारंग देव) बापूजी को अपने पिता के रूप में पाकर धन्य और भाग्यशाली महसूस करती हूं, क्योंकि हम सभी भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके योगदान के बारे में जानते हैं. लेकिन उन्होंने जिस तरह अपना जीवन व्यतीत किया उससे हमें उनके नक्शेकदम पर चलने की प्रेरणा मिली.'
उन्होंने आगे कहा, 'हम एक ऐसे घर में पले-बढ़े हैं, जहां उनके कम से कम सात से 10 छात्र हमारे साथ रहते थे, क्योंकि वे गुरु-शिष्य परंपरा में विश्वास करते थे. उन्होंने कभी उनसे पैसे नहीं लिए, क्योंकि उनके लिए यह 'विद्या दान' था. जब हम बड़े हो रहे थे, तब तक बापूजी एक सुपरस्टार बन चुके थे, लेकिन तब भी उनके पास हम सभी के लिए समय होता था.'
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