हैदराबाद: केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की एक विशेषज्ञ समिति ने बुधवार (9 दिसंबर) को फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत द्वारा विकसित कोविड -19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदनों की समीक्षा की.
प्रमुख वैश्विक फार्मा कंपनी फाइजर ने कहा है कि विभिन्न देशों के लिए उसकी कोविड-19 वैक्सीन पर अंतर मूल्य निर्धारण होगा, क्योंकि कंपनी का लक्ष्य दुनिया भर में वैक्सीन उपलब्ध कराना है.
कंपनी ने भारतीय दवा नियामक से देश में कोविड -19 के खिलाफ फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (EUA) की मांग की है.
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोविड- 19 पॉजिटिव रोगियों के घरों के बाहर पोस्टर या कोई और संकेत लगाने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अधिकारियों द्वारा विशिष्ट मामलों में पोस्टर चिपकाए जा सकते हैं.
दिल्ली
अधिक संख्या में परीक्षण किए जाने और कम नए मामले रिपोर्ट होने के कारण दिल्ली में कोविड 19 की औसत सकारात्मकता दर, मरीजों की पॉजिटिविटी दर नमूनों के अनुपात में 5 % से नीचे रही.
कुल 75,409 परीक्षणों में से आरटी-पीसीआर पद्धति का उपयोग करके 31,098 परीक्षण किए गए. यह संख्या लगभग 41 फीसद है.
महाराष्ट्र
डॉक्टरों और नर्सों सहित स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में लगभग 2.6 लाख सरकारी कर्मचारियों को महाराष्ट्र में टीकाकरण के पहले दौर में कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा.
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने बुधवार को टीकाकरण की तैयारी पर अपनी पहली समीक्षा बैठक की. बैठक में टीके के भंडारण और परिवहन की सुविधा, लाभार्थियों की सूचियों को अंतिम रूप देना और टीकाकरण बूथ स्थापित करने पर चर्चा की गई.
तेलंगाना
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के कार्यालय में 64 विदेशी दूत पहुंचे. इस दौरान उन्हें कोरोना टीके के विकास से जुड़ी जानकारी दी गई. दूतों को क्लिनिकल परीक्षणों से भी अवगत कराया गया.
सरकार के विदेश मंत्रालय की ओऱ से बताया गया कि दूतों के दौरे के दौरान उन्हें कोरोना वैक्सीन के क्षेत्र में भारत की रिसर्च एंड डेवलपमेंट की सुविधाओं से अवगत कराया गया. इसके अलावा देश की विनिर्माण क्षमता, विदेशी सहयोग इत्यादि और टीके के उत्पादन पर भी प्रकाश डाला गया.
कर्नाटक
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को कोविड -19 का परीक्षण कराने के लिए राज्य भर की प्रयोगशालाओं द्वारा की गई कीमतों में कमी की घोषणा की. संशोधित मूल्य सूची के अनुसार सरकार द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को भेजे गए प्रत्येक कोविड -19 नमूने का परीक्षण अब 500 रुपये में किया जाएगा. पहले इसके लिए 1200 रुपये देने होते थे. निजी जांचघरों में पूर्व के 1600 रुपये के मुकाबले अब अधिकतम 800 रुपये देने होंगे.