हैदराबाद :केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन पहल ई-संजीवनी ने सोमवार को 1 मिलियनटेली-परामर्श पार कर लिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत के 550 से अधिक जिलों में मरीजों द्वारा ई-संजीवनी का उपयोग किया जा रहा है. ई-संजीवनी के 10 फीसदी से अधिक उपयोगकर्ता 60 और उससे अधिक आयु के हैं. कुल रोगियों में से लगभग एक-चौथाई के करीब रोगियों एक से अधिक बार संजीवनी का उपयोग किया है.
टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक सत्र में प्रति दिन 100-200 लोगों का टीकाकरण करने के बाद टीका लगवाने वालों की 30 मिनट निगरानी की जाएगा, ताकि किसी भी प्रतिकूलस प्रक्रिया से निपटा जा सके.
हाल ही में राज्यों को जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार केविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN) प्रणाली बनाई गई है, जो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. इसका उपयोग टीकाकरण और एंटी-कोरोना वायरस टीकों के लिए सूचीबद्ध लाभार्थियों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा.
टीकाकरण स्थल पर, केवल पूर्व-पंजीकृत लाभार्थियों को प्राथमिकता के अनुसार टीका लगाया जाएगा और ऑन द स्पॉट पंजीकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं होगा. राज्यों से कहा गया है, जहां तक संभव हो, वह क्षेत्र में विभिन्न कोविड-19 टीकों के मिश्रण से बचने के लिए वह एक जिले के लिए एक वैक्सीन निर्माता से वैक्सीन आवंटित करें.
गाइडलाइन्स के अनुसार टीके को सीधे सूर्य के प्रकाश में लाने से बचने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए.
दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी की सरकार राष्ट्रीय राजधानी के उन जिलों में कोविड-19 परीक्षणों की संख्या बढ़ाएगी जहां संक्रमण की संख्या अधिक है.