हैदराबाद : कोरोना वायरस महामारी अब एक वैश्विक संकट में विकसित हो चुकी है. प्रवासी श्रमिकों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता रहेगा. हालांकि यात्रा पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन संघर्ष, हिंसा, मानव अधिकारों के हनन और भागने वाले लोगों की आवाजाही रुक नहीं रही है.
ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) के संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय का कहना है कि महामारी से आर्थिक मंदी आ गई है, जिससे प्रभावित देशों से धनी देशों में मानव तस्करी बढ़ सकती है.
यह महामारी संभावित रूप से प्रवासियों और शरणार्थी शिविरों में रहने वाले लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकती है.
प्रवासी मजदूर भूमध्य सागर, अफ्रीकी, मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ्रीकी और एशियाई क्षेत्र में भागते हुए पकड़े जा रहे हैं. वहीं समुद्र में खोज और बचाव अभियान में कमी आई है, जिससे COVID-19 के प्रसारण का जोखिम बढ़ जाएगा.
लॉकडाउन के कारण पश्चिमी और मध्य भूमध्यसागरीय तस्करी मार्गों के साथ प्रवासियों की तस्करी में सख्त प्रतिबंध लग गया है.
लॉकडाउन के कारण सख्त प्रतिबंध के बीच पश्चिमी और मध्य भूमध्यसागरीय तस्करी मार्गों से प्रवासियों की तस्करी संभव है. हालांकि कंटेन्मेंट उपायों की वजह से प्रवासी पूर्वी भूमध्यसागरीय मार्ग से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.