नई दिल्ली : भारत में सकारात्मक कोरोना वायरस के 100 से अधिक मामले सामने आने के बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार को इसे देश के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल करार दिया है.
आईसीएमआर की महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग के प्रमुख डॉ. रमन आर गंगा खेड़कर ने ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि 135 करोड़ की आबादी वाले देश भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या अब भी 100 के ही करीब है, लेकिन यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है.
ईटीवी भारत से बात करते डॉ. रमन आर. गंगा खेड़कर. गंगा खेड़कर ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, 'अगर हम इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो यह एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में सामने आएगा.'
खेड़कर ने कहा कि आईसीएमआर ने कोरोना वायरस को अलग-थलग कर दिया है. भारत कोविड-19 विषाणु को अलग करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है और देश में दवाओं, वैक्सीन और रैपिडोलॉजिकल किट के विकास में तेजी लाने के लिए अलगाव पहला कदम है. दुनिया का कोई और देश ऐसा नही कर सका.
कोरोना वायरस से निबटने के प्रयास को समन्वित करने के लिए आईसीएमआर स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है.
आईसीएमआर ने, जो वायरस के लिए परीक्षण एजेंसी भी है, कोविड-19 का परीक्षण करने के लिए सुसज्जित लैब का अपना नेटवर्क विस्तारित किया है. वायरस की पुष्टि के लिए माध्यमिक परीक्षण पहले केवल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी, पुणे) में किया गया जाता था. अब इसमें 31 लैब बढ़ा दी गई हैं.
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गंगा खेड़कर ने कहा कि यह कदम भारत को वायरस का पता लगाने में सक्षम करेगा और प्रभावी प्रबंधन में मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि एक बार जब यह लोगों में चला जाता है, तो यह नियंत्रण मुश्किल हो जाएगा. कोरोना वायरस की विरोधी दवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'चीन इस पर काम कर रहा है. मेरा मानना है कि उसे ढाई महीने का समय मिला है. मेरा मानना है कि वह सबसे पहले ड्रग्स की घोषणा करेगा, वरना हम भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.'