अहमदाबाद: गुजरात के सूरत जिले की सत्र अदालत ने जेल में बंद प्रवचनकर्ता आसाराम के बेटे नारायण सांई को साल 2013 में अपनी एक महिला भक्त के साथ बलात्कार के एक मामले में आजीवन कैद की सजा सुनाई. उन्हें शुक्रवार को दोषी करार दिया गया था.
सांई (47), 2013 से ही लाजपोर जेल में बंद है. सांई को आईपीसी के धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक दुराचार), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-ख(षडयंत्र) के तहत दोषी पाया गया था.
इस मामले में कुल 11 अभियुक्त थे और इनमें से छह को बरी कर दिया गया है.
अपर सत्र न्यायाधीश पीएस गढ़वी ने उन्हें सजा सुनाई.
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सांई के सहयोगियों धर्मिष्ठा उर्फ गंगा, भावना उर्फ जमुना और पवन उर्फ हनुमान को साजिश रचने का दोषी पाया गया. सांई का ड्राइवर राजकुमार उर्फ रमेश मल्होत्रा को भी आईपीसी की धारा 212 (हमलावर को शरण देना) के तहत दोषी पाया गया था.
साधिका कही जाने वालीं गंगा और जमुना पर आरोप था कि उन्होंने पीडि़ता को गलत तरीके से कैद करके रखा और सांई के निर्देश पर उससे मारपीट की. उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सांई के साथ रिश्ता कायम करने के लिए पीड़िता का ब्रेनवॉश किया.
‘साधक’ हनुमान पर पीड़िता को बहलाने सहित सांई के कमरे में ले जाने का आरोप था.