पटना : अपने पूर्वजों के गांव की तलाश में मॉरिशस के एक दम्पति पटना पहुंचा है. 166 साल के बाद यह दम्पति पैतृक गांव का पता लगाने विदेश से फुलवारी शरीफ पहुंचा है. वह पूर्वजों की जानकारी लेने के लिए यहां आया है. उन्होंने बताया कि साल 1853 में पूर्वज कोलकाता से मॉरिशस चले गए थे.
हेमानंद बद्री बताते हैं कि उनके परदादा (नाम बद्री) था, वह 1853 में कोलकाता से जूलिया नामक जहाज से एक मजदूर के तौर पर मॉरिशस गये थे. इसके बाद वहीं बस गये. उन्हें कुछ महीनों पहले ही पता चला था कि उनके पूर्वज भारत के रहने वाले थे. जानकारी के बाद अपने पूर्वजों का गांव और वंशजों से मिलने की जिज्ञासा हुई.
पूर्वजों की तलाश में पटना पहुंचे मॉरीशस के दम्पति
हेमानंद सबसे पहले मॉरिशस स्थित महात्मा गांधी इंस्टीच्यूट लाइब्रेरी पहुंचे, जहां उन्हें अपने परदादा से संबंधित कुछ कागजात मिले. जिसमें गांव के नाम की जगह फुलवारी परगना और दीनापुर लिखा था. जो आज के वक्त में फुलवारीशरीफ और दानापुर है. हेमानंद अपनी पत्नी के साथ इन्हीं कागजातों के आधार पर अपने पूर्वजों की तलाश में फुलवारीशरीफ थाना पहुंच गये.