हैदराबाद : कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. दुनियाभर में अब तक लगभग 40 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. इस महामारी ने 2,73,000 लोगों की जान ले ली है. सबसे ज्यादा हताहत होने वाले देशों की सूची में अमेरिका के बाद ब्रिटेन, इटली और स्पेन शामिल हैं. 56 हजार से अधिक मामले और लगभग 1,900 मौतों के साथ भारत में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
वहीं दुनियाभर में इस बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीन पर शोध चल रहा है. हालांकि, ऐसे कई वायरस हैं, जिनके लिए वैक्सीन अब तक नहीं मिल सकी है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन बनाना इतना आसान नहीं है. कोरोना वायरस में अप्रत्याशित उत्परिवर्तन शोधकर्ताओं के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है.
गौरतलब है, चीन ने सात जनवरी को इस महामारी के जीनोम को साझा किया था. अब तक कई चिकित्सा और दवा कंपनियों ने इस पर लगभग छह हजार शोध पत्र प्रकाशित किए हैं.
ऐसे समय में जब हर कोई कोरोना वायरस का उत्सुकता से एंटीडोट खोजने की तलाश कर रहा है. कई जगहों पर की जा रही बहु-आयामी जांच एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचती दिख रही है. इससे अंधेरे में आशा की एक किरण जग रही है.
इजरायल अपने अनुसंधान और नए आविष्कारों की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. यह देश कोरोना के इलाज के लिए एक नई उपचार पद्धति के साथ आगे आ सकता है.