न्यूयॉर्क : दुनिया भर में कोरोनो वायरस का प्रकोप जारी है. इसी बीच एक नए शोध में पाया गया है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण लॉकडाउन में रहने से बच्चों में मोटापे का स्तर बढ़ सकता है क्योंकि यह आहार, नींद और शारीरिक गतिविधियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.
अमेरिका में बफेलो विश्वविद्यालय के सह-लेखक माइल्स फेथ ने कहा, 'कोरोना वायरस महामारी का प्रत्यक्ष वायरल संक्रमण से परे व्यापक प्रभाव है.'
उन्होंने आगे कहा कि मोटापे से जूझ रहे बच्चों और किशोरों को स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने और प्रतिकूल वातावरण बनाने के लिए एकांतवास में रखा गया है.
बच्चों और किशोरों का आमतौर पर स्कूल की गर्मियों की छुट्टी के दौरान वजन बढ़ता है. शोधकर्ताओं ने आश्चर्यच जताया कि घर में बंद रहने के कारण भी बच्चों की जीवन शैली और व्यवहार पर समान रूप से प्रभाव पड़ेगा.
ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष के लिए शोधकर्ताओं ने इटली के वेरोना में मार्च और अप्रैल में 41 बच्चों और किशोरियों के बीच मोटापे को लेकर सर्वेक्षण किया.
इटली में लगाए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन के तीन सप्ताह के दौरान बच्चों की जीवन शैली जैसे कि खानपान, गतिविधि और नींद के बारे में जानकारी एकत्र की गई थी और 2019 में इकट्ठा किए गए बच्चों के आंकड़ों की तुलना की गई.