दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

विवाद के बाद भी जारी रहेगा कोरोना वैक्सीन का परीक्षण : आईएमए - Corona vaccine trial

कोविड-19 वैक्सीन और उसके उत्पादन पर सवाल उठने के बाद भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को परीक्षण जारी रखने को कहा है. इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ. आर वी असोकन ने कहा कि वैक्सीन का परीक्षण जारी रहेगा और यह मामला परीक्षण को रोकने के लिए नहीं है.

डॉ आरवी असोकन
डॉ आरवी असोकन

By

Published : Nov 30, 2020, 10:51 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक कोविड-19 वैक्सीन और उसके उत्पादन के बीच एक स्वयंसेवक के आने के बाद सोमवार को कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) निश्चित रूप से अपनी परीक्षण प्रक्रिया जारी रख सकता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ. आर वी असोकन ने कहा कि वैक्सीन का परीक्षण जारी रहेगा. मुझे नहीं लगता कि परीक्षण को रोकने का कोई मामला है. चल रहे परीक्षण का उद्देश्य महामारी से बचाव का पता लगाना है.

इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि इसके साइड इफेक्ट कहां से आ रहे हैं और कैसे आ रहे हैं. हालांकि, इस परीक्षण की प्रक्रिया के कुछ पहलुओं को सुधारने के लिए संकेत दिए हैं.

डॉ आरवी असोकन का बयान

चेन्नई के एक 40 वर्षीय स्वयंसेवक ने आरोप लगाया कि परीक्षण प्रक्रिया के दौरान उस पर गंभीर दुष्प्रभाव हुए हैं. स्वयंसेवक ने फार्मा दिग्गज से मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपये का दावा किया है.

दूसरी ओर फार्मा की दिग्गज कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने स्वयंसेवक को 100 करोड़ रुपये से अधिक की मानहानी का केस दर्ज करने की धमकी दी है.

डॉ. असोकन ने कहा कि स्वयंसेवक को अदालत जाने का अपना कानूनी अधिकार है, लेकिन साथ ही सभी स्वयंसेवक को टीका और परीक्षण के बारे में पर्याप्त जानकारी भी दी गई है और यह व्यक्ति की सहमति से ही परीक्षण किया गया था.

उन्होंने कहा कि कंपनी के पास वैज्ञानिक, तकनीकी के साथ-साथ नैतिक क्लीयरेंस से लेकर सभी क्लीयरेंस हैं.

डॉ. असोकन ने कहा कि उनका डॉक्यूमेंट उचित होना चाहिए था. कंपनी के लिए यह देखना पूरी तरह से वैध है कि ये परीक्षण का हिस्सा हैं और परीक्षण के दौरान कोई दुष्प्रभाव हुआ है.

पढ़ें - छाती के एक्स-रे से कोविड का पता लगाने को वैज्ञानिकों ने बनाया एआई

उन्होंने कहा कि आईएमए विकास से अवगत है. हम इस मामले से अवगत हैं और कंपनी के मुकदमे के खिलाफ उसके व्यक्तिगत अधिकार के बारे में जानते हैं. कंपनी इस मामले में कानून के मुताबिक डील कर रही है.

डॉ. असोकन ने आगे कहा कि स्वयंसेवक कानूनी रूप से मुआवजे की एक निश्चित राशि का हकदार है. इसके लिए एक निश्चित मुआवजा तय है.

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का चरण 2 और 3 क्लीनिकल परीक्षण करने वाली SII को उम्मीद है कि वह यह टीका निश्चित रूप से कोविड -19 महामारी के खिलाफ काम करेगा.

फार्मा दिग्गज अगले कुछ हफ्तों में कोविल्ड के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details