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छत्तीसगढ़ : मेकाहारा में भर्ती मरीज का आरोप- अस्पताल ने भगवान भरोसे छोड़ा

छत्तीसगढ़ के एक बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे एक मरीज ने वहां की अव्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. मरीज ने अस्पताल प्रबंधन पर अव्यवस्था का आरोप लगाया है.

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Published : Jun 10, 2020, 7:10 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 7:26 PM IST

bhimrao ambedkar memorial hospital
मेकाहारा अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप

रायपुर : छत्तीसगढ के रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे एक मरीज ने वहां की अव्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

गौरतलब है कि सरकार ने कोविड-19 के मरीजों की बढ़ती तदाद को देखकर मेकाहारा के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल में भी इलाज शुरू किया है. इसके लिए अस्पताल के कई विभागों को दूसरी जगह भी शिफ्ट करना पड़ा है. लेकिन यहां भर्ती मरीज का आरोप है कि अस्पताल में उसका ख्याल नहीं रखा जा रहा है और सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई है.

मेकाहारा अस्पताल प्रबंधन पर मरीज ने लगाए गंभीर आरोप.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कोरोना मरीज ने मेकाहारा अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मरीज का आरोप है कि उसकी जांच के लिए न तो कोई डॉक्टर आता है न ही कोई नर्स हाल जानने आती है.

मरीज का कहना है कि गत 8 मई की रात से एडमिट होने के बाद से अब तक सिर्फ एक बार मेडिकल स्टाफ उसके पास पहुंचा है और दूर से उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई है. उसके बाद से उसने किसी भी डॉक्टर या नर्स का चेहरा नहीं देखा है.

अंदाज से खा रहे दवाएं
यहां भर्ती मरीज के मुताबिक दिनभर में एक बार उनके पास एक बार उनके पास आया आती है और उन्हें 6 टेबलेट देकर चली जाती है. टेबलेट्स को कब खाना है, कितनी बार खाना है, इसकी जानकारी उनके पास नहीं होती. ऐसे में यहां भर्ती मरीज खुद ही अंदाजा लगाकर दवाओं को सेवन कर रहे हैं.

एक कमरे में तीन मरीज
मेकाहारा के कोविड कार्ड में एक कमरे में तीन मरीजों रखा गया है. ये तीनों मरीज एक ही बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं. बातचीत में हमें इस मरीज ने जो जानकारी दी, उसके मुताबिक बाथरूम इस्तेमाल के बाद हाथ धोने के लिए यहां लिक्विड शोप भी नहीं रखा गया है. कई बार गुजारिश बाद सफाई कर्मी ने एक साबुन की बट्टी जरूर रख दी है.

भोजन परोसने के नाम पर कोरोना को न्यौता
मरीज का कहना है कि इस वार्ड के गलियारे में टेबल पर भोजन सामग्रियां रख दी जाती हैं. इसके बाद अलग-अलग कमरों में भर्ती मरीज एक साथ निकलते हैं और अपनी इच्छानुसार भोजन थाली में रख लेते हैं. इस प्रकिया के दौरान भी मरीज सहज ही एक दूसरे के संपर्क में आते हैं. इससे भी कोरोना के फैलने की आशंका बढ़ जाती है.

मरीज का यह भी दावा है कि इन्हें चाय या कॉफी जैसे रिफ्रेसिंग ड्रिंक भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है जबकि वे खुद को अपने परिवार से बेहद अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. उनकी न ही ठीक से मेडिकल जांच की जा रही है और न तो मेडिकल रिकॉर्ड बनाया जा रहा है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 7:26 PM IST

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