नई दिल्लीःदिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना को लेकर केजरीवाल सरकार को फिर फटकार लगाई है. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को क्या जवाब देंगे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दायर कर यह बताने का निर्देश दिया है कि उन्होंने कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार से जुड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में क्या कदम उठाए हैं. मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा हर रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. रोज कोई न कोई अपने किसी करीबी या परिजन को खो रहा है, आप उन्हें क्या जवाब देंगे. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि पॉजिटिविटी रेट 14 फीसदी पहुंच गई है. यह काफी चिंताजनक स्थिति है. तब कोर्ट ने कहा कि आप काफी समय के बाद नींद से जागे हैं. कोर्ट ने पूछा कि क्या आप फेलुडा टेस्टिंग तकनीक को अपनाना चाहते हैं. तब दिल्ली सरकार ने कहा कि हां, हम इस पर विचार कर रहे हैं.
'1200 आईसीयू बेड के साथ वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की कोशिश'
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से आईसीयू बेड की स्थिति के बारे में पूछा. तब दिल्ली सरकार ने कहा कि आईसीयू बेड की कमी नहीं है. हम चाहते हैं कि 1200 आईसीयू बेड के साथ वेंटिलेटर उपलब्ध कराया जाए. फिलहाल वेंटिलेटर के साथ 500 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने 750 आईसीयू बेड उपलब्ध कराने का वादा किया है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बेड की रियल टाइम उपलब्धता बताने वाला दिल्ली सरकार का पोर्टल काम नहीं कर रहा है. तब कोर्ट ने दिल्ली सरकार को तत्काल पोर्टल खोलने का आदेश दिया और कहा कि देखिए कि वहां डाटा दिखाई दे रहा है कि नहीं. तब दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने अभी देखा है, ये काम कर रहा है.
कोर्ट ने कहा कि हमने इस याचिका का दायरा दिल्ली में कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए बढ़ाया था. इन दिनों रोजाना आठ हजार के आस-पास मामले आ रहे हैं. कंटेनमेंट जोन की संख्या 406 तक पहुंच गई है. इस हालात में लोगों के आवागमन के लिए छूट क्यों दी गई है, वो भी तब जब त्योहारों का सीजन है और एयर क्वालिटी काफी खराब है. सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए.
'दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों पर गौर किया'
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उसकी कई गतिविधियों की अनुमति नहीं दी है जो वर्तमान समय में जरूरी थी. इन गतिविधियों की सूची कोर्ट को सौंपी गई है. कोर्ट ने पाया कि दिल्ली सरकार ने त्योहार के सीजन में अतिरिक्त उपायों को लागू किया है और उसके लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं. कोर्ट ने नोट किया कि दिल्ली सरकार ने शादियों के लिए लोगों के एकत्र होने की सीमा बढ़ा दिया था, लेकिन कल एक आदेश के जरिए इसे कम कर पचास तक की संख्या की गई. कोर्ट ने दीवाली पर पटाखों और छठ पूजा के मौके पर दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों पर गौर किया.
'जनसंख्या को देखते हुए प्रवर्तन टीमों की संख्या नाकाफी'