नई दिल्ली : पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है. इससे श्रमिक वर्ग पूरी तरह से बेरोजगार हो गया है. वहीं देश की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. अर्थव्यवस्था को सुधारने और विदेशी कंपनियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कई राज्यों ने प्रदेश से श्रम कानूनों में संशोधन किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्रम कानून में संशोधन किए जाने की आलोचना की और उन्होंने कहा कि कोरोना संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता.
कोरोना संकट मजदूरों की आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता : राहुल
देशभर में कोरोना महामारी फैली हुई है. कई राज्यों में कुछ श्रम कानूनों को तीन वर्ष के लिए समाप्त कर दिया गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस कानून की निंदा करते हुए कहा कि कोरोना संकट मजदूरों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर...
राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, 'अनेक राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है. हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता. दरअसल, कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है. कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं.