पटना : कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है. वहीं, बिहार में इससे निपटने का इंतजाम नहीं है. बेतिया अंतर्गत इंडो-नेपाल बार्डर पर कोरोना वायरस को लेकर लगाए जा रहे मेडिकल कैम्प में समुचित व्यवस्था नहीं है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब ईटीवी भारत संवाददाता ग्राउंड जीरो पर पहुंचे. सीमा पर तैनात डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई उपकरण नहीं है, जिससे कोरोना के लक्षणों की जांच की जा सके. ऐसे में भारतीय सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों पर कोरोना वायरस के संक्रमण का भय बना हुआ है.
इंडो-नेपाल सीमा पर नहीं है व्यवस्था
सरकार की ओर से लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर बैठकें की जा रही हैं. वाल्मीकिनगर स्थित इंडो-नेपाल सीमा पर पिछले एक महीने से मेडिकल टीम कैम्प कर लोगों को सावधानियां बरतने की सलाह दे रही है. साथ ही लोगों को इसके लक्षणों के बाबत जागरुक किया जा रहा है. लेकिन, मेडिकल कैम्प के चिकित्सक संजय कुमार का कहना है कि उनके पास लोगों में कोरोना के लक्षणों को जांचने के लिए कोई उपकरण उपलब्ध नहीं है. शिकायत करने पर अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया जा रहा है.