नई दिल्ली : इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा संकलित एक शोध में कहा गया है कि कॉन्टेक्ट लैंस का उपयोग करने वाले लोगों को कोविड-19 बीमारी से संक्रमित होने का खतरा है. इस वजह से व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है या उसे कॉर्निया प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ सकती है.
अध्ययन में कहा गया है कि माइक्रोबियल केराटाइटिस कॉन्टेक्ट लैंस से संबंधित बीमारी है. यह कॉर्निया को प्रभावित करता है जहां पर कॉन्टेक्ट लैंस लगाया जाता है. यह एक जटिल बहु कारक बीमारी है. हालांकि संपर्क लैंस उपयोगकर्ताओं के बीच इस तरह के संक्रमण की दर काफी कम है परंतु अस्पताल में रोगजनक जीवों के संपर्क में आने से खतरा बढ़ सकता है. आईजेएमआर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा प्रकाशित सबसे पुरानी चिकित्सा पत्रिका में से एक है.
अध्ययन में कहा गया है कि आंख के रंग की सतह, नासोलैक्रिमल नलिका के माध्यम से श्वसन मार्ग से जुड़ी हुई है. कोरोना वायरस आंख से श्वसन मार्ग के जरिए फैल सकता है.
वायु जनित बूंदें आसानी से खुले ऑक्यूलर सतह को संक्रमित कर सकती हैं. इससे जानवरों और मनुष्यों दोनों में विभिन्न प्रकार ऑक्यूलर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. मुमकिन है कि एसएआरएस-सीओवी-2 भी ऑक्यूलर टिश्यू को भी संक्रमित कर सकता है.