नई दिल्लीः 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का भूमिपूजन होने जा रहा है लेकिन तमाम बाधाओं के दूर होने के बाद भी विरोध के स्वर और भूमिपूजन में प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने को लेकर कई बयान भी सामने आते रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना संक्रमण के खतरे को बताते हुए ऑनलाइन भूमिपूजन की सलाह दी, तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार के लिये कोरोना महामारी से ज्यादा जरूरी मंदिर बनाना है.
वहीं संतों के ही एक गुट ने भूमिपूजन के मुहूर्त पर भी सवाल उठाए. इन सभी विषयों पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र जैन से विशेष बातचीत की. मुहूर्त के सवाल पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था तब भी इस तरह के सवाल उठाए गए थे कि मुहूर्त शुभ नहीं है और इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे, लेकिन इन तमाम दिक्कतों के बाद भी आज राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
जहां तक कोरोना महामारी का सवाल है कुल 200 लोगों की उपस्थिति रहेगी और शत प्रतिशत सभी सावधानियों का खयाल रखा जाएगा. कोरोना संक्रमण के खतरे को ले कर उन पार्टियों के नेता टिप्पणी कर रहे हैं जिनके 10 कार्यकर्ता भी अगर कहीं एकत्रित होते हैं तो वह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं, लेकिन भूमिपूजन का कार्यक्रम बेहद अनुशाषित होगा और पूरी दुनिया इसे लाइव कार्यक्रम के दौरान देखेगी कि किस तरह से सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है.
विहिप महामंत्री ने आगे कहा कि अयोध्या में उपस्थित विद्वान संतों ने भूमिपूजन की तिथि और समय तय किया है और राम के कार्य में कुछ भी अशुभ नहीं हो सकता. यह एक राष्ट्रीय गौरव का क्षण होगा इसलिये इसका विरोध करने वालों से सुरेंद्र जैन ने आग्रह किया है कि इसको धूमिल करने का प्रयास न करें. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी राम मंदिर संघर्ष के ध्वजवाहक के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन यह खबर सामने आ रही है कि दोनों नेताओं को अभी तक भूमिपूजन का निमंत्रण नहीं मिला है.