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प्याज की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा है कि इसके लिए मोदी और केजरीवाल जिम्मेदार हैं. जानें क्या देश के प्रमुख शहरों में प्याज के भाव...

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Published : Nov 29, 2019, 4:28 PM IST

नई दिल्ली: देश के प्रमुख शहरों में प्याज के दाम अब भी ऊंचे बने हुए हैं. बृहस्पतिवार को प्याज का औसत बिक्री मूल्य 70 रुपये किलो रहा, जबकि पणजी में प्याज का अधिकतम मूल्य 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया. सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र और केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सुभाष चोपड़ा ने कहा कि अगर प्याज की कीमतें कम नहीं हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ता खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान का घेराव करेंगे.

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली में प्याज की कीमतें 120 रुपये/प्रति किलो तक जा पहुंची है. हालात ऐसे हैं कि डॉलर सस्ता और प्याज महंगा है. दिल्ली में प्याज की कीमतें इसलिए भी ज्यादा हैं क्योंकि दिल्ली और केंद्र सरकार की साठगांठ जमाखोरों से है.
'1998 में भी बढ़ी थी कीमत'

सुभाष चोपड़ा ने कहा कि साल 1998 में भी ऐसे ही हालात हुए थे, तब दिल्ली में बीजेपी की सरकार थी. चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी, आज भी ऐसे ही हालात हैं, गोदामों में एक ओर प्याज सड़ रहा है, तो वहीं आम आदमी प्याज ढूंढ रहा है.

मुकेश शर्मा ने की प्याज की कीमत को लेकर ईटीवी भारत से बात.

'जिम्मेदारी से भाग रही सरकार'
दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि प्याज की कीमतें कम करने का प्रयास न तो दिल्ली सरकार कर रही है और ना ही केन्द्र सरकार. बीजेपी और आम आदमी पार्टी प्याज की कीमतों पर केवल राजनीतिक बयानबाजी करने में लगी है और अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. सच्चाई ये है कि दोनों ही पार्टियों की जमाखोरों के प्रति सहानुभूति है.
प्याज की ऊंची कीमत से राहत नहीं, पणजी में भाव 110 रुपये किलो पहुंचा

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्याज की कीमत सबसे कम यानी 38 रुपये किलो रही. देश के चार मेट्रो शहरों में से राष्ट्रीय राजधानी में इसकी कीमत 76 रुपये किलो , मुंबई में 92 रुपये किलो , कोलकाता में 100 रुपये किलो और चेन्नई में 80 रुपये किलो रही.

गौरतलब है कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय, देशभर में फैले 109 बाजार केंद्रों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक सामग्रियों (चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, तुअर (आहर) दाल, मूंग दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक) की कीमतों पर नजर रखता है.

यह दिलचस्प है कि महंगे प्याज पर अब चोरों की भी नजर है. सूरत के एक सब्जी विक्रेता ने कहा कि तड़के उसकी दुकान से 25,000 रुपये मूल्य के 250 किलो प्याज चुरा लिए गए.

सरकार ने बुधवार को देशभर के व्यापारियों पर प्याज का स्टॉक रखने की सीमा पर रोक की अवधि अनिश्चित समय लिए आगे बढ़ा दी.

सरकार प्याज की कीमत पर नियत्रंण करने का पूरा प्रयास कर रही है : रामविलास पासवान

प्याज का स्टॉक रखने की सीमा सितंबर में तय की गई थी. वर्तमान में, खुदरा व्यापारी केवल 100 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं और थोक व्यापारियों को 500 क्विंटल तक का स्टॉक रखने की अनुमति है.
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गत बुधवार को कहा था कि सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा कि प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय करने के अलावा, केंद्र ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इस सब्जी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और1.2 लाख टन प्याज का आयात भी किया है.

सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एमएमटीसी ने बताया कि मिस्र से प्याज की पहली खेप दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आएगी. एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है.

मूल्य वृद्धि पर चिंता जताते हुए, पासवान ने कहा था कि स्थिति की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पांच केंद्रीय मंत्रियों का एक दल इस पर नजर रख रहा है. दल के सदस्यों में वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि मंत्रियों के समूह ने पहले ही एक बैठक हुई है और दूसरी जल्द ही होगी.

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