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योगी ने उठाए सवाल तो कांग्रेस बोली- पहले शाह से बात करिए फिर बोलिए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकार समझौते को समर्थन देने पर कांग्रेस की आलोचना की थी. इस पर कांग्रेस ने पटलवार किया है. कांग्रेस का कहना है कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है और वह राष्ट्रीय सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगी. इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि इस मुद्दे पर बयान देने से पहले अमित शाह से बात करिए.

राशिद अल्वी
राशिद अल्वी

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Published : Nov 19, 2020, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकार समझौते को समर्थन देने पर कांग्रेस की कड़ी आलोचना की, जिसपर कांग्रेस ने पटलवार किया है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का कहना है कि योगी को शायद मालूम नहीं है, लद्दाख में सत्ता के लिए भाजपा ने फारूख अब्दुल्ला को साथ मिला लिया. उनके साथ मिलकर सत्ता हासिल की है. वो फारूख अब्दुल्ला जो जम्मू-कश्मीर के भीतर देश द्रोही हैं, जैसे ही वह लद्दाख जाते हैं, भाजपा के साथ मिलकर देशभक्त बन जाते हैं. भाजपा को सत्ता की लालच इस हद तक है कि कश्मीर में शोर मचा रहे हैं कि देश द्रोही हैं. लद्दाख में उनके साथ समझौता कर रहे हैं, योगी पहले अमित शाह से बात करिए इसके बाद बयान दीजिए.

इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की ओर से जो टिप्पणियां आ रही हैं, मैं केवल यह कहना चाहती हूं कि कृपया कानून और व्यवस्था देखें जो उत्तर प्रदेश राज्य में पूरी तरह से ध्वस्त हो गई, जबकि कांग्रेस पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है और वह राष्ट्रीय सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगी, भाजपा के नेता बार-बार अनुच्छेद 370 की बहाली पर विपक्षी दल से सवाल कर रहे हैं.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले इस समझौते को लेकर कांग्रेस अपना रुख स्पष्ट करे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता दिल्ली में कुछ और बात बोलते हैं और जम्मू-कश्मीर में कुछ और कार्य करते हैं. देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली राष्ट्रीय पार्टी का यह दोहरा चरित्र निंदनीय है, जिसे देश स्वीकार नहीं करेगा. इसके लिए पार्टी नेतृत्व को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

योगी ने कांग्रेस नेतृत्व से अनुच्छेद 370 के मसले पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस का जो दोहरा रवैया है, यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ सीधे सीधे खिलवाड़ है. हम सब जानते हैं कि कांग्रेस ने सदैव राष्ट्रीय स्थिरता के साथ खिलवाड़ किया और यह पार्टी प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से उन तत्वों को प्रेरित और प्रोत्साहित करती रही है जो देश के अंदर अलगाववाद और अराजकता को बढ़ावा देते हैं. जम्मू कश्मीर के अंदर एक बार फिर से कांग्रेस का यह दोहरा चेहरा देश की जनता के सामने आया है. कांग्रेस पार्टी ने ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को कभी साकार नहीं होने दिया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लागू करके प्रदेश में न केवल अलगाववाद को बढ़ावा दिया, बल्कि यह पार्टी पूरे देश के अंदर आतंकवाद को प्रेरित और प्रोत्साहित करती रही है. जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं ने गुपकार समझौता किया था. राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने वाले इस समझौते पर दस्तखत करने वालों में वहां के क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कांग्रेस के स्थानीय नेता भी शामिल हैं. ये लोग दिल्ली में कुछ और बात बोलेंगे और जम्मू-कश्मीर में कुछ और कार्य करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिये आमंत्रित करने की मंशा क्या है और इन बातों से कांग्रेस का वास्ता किस हद तक है, यह स्थिति कांग्रेस पार्टी को पूरे देश के सामने स्पष्ट करनी चाहिए.

योगी ने कहा कि अब जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़संकल्पों से यह सपना साकार हो रहा है, तो कांग्रेस के नेताओं को यह नहीं अच्छा लग रहा. शत्रु देश से मदद लेने की बात करने वाले फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं से जुड़ना कांग्रेस के लिए शर्मनाक है. पी. चिदम्बरम और गुलाम नबी आजाद जैसे कांग्रेसी नेता अनुच्छेद 370 की बहाली की बात करते रहे हैं, ये लोग हमेशा से ही अलगाववादी और आतंकवादी विचारों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहे हैं.

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