नई दिल्ली : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में जारी हिंसक प्रदर्शनों के खिलाफ सरकारी तंत्रों की कार्रवाई का कांग्रेस ने कड़ा प्रतिवाद किया है. इस क्रम में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह इंटरनेट सेवा बंद करने व निषेधाज्ञा लगाने जैसे दमनकारी कदमों से लोगों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है. यह देश में अघोषित आपातकाल है.
कांग्रेस ने साथ ही यह भी कहा है कि सरकार जितनी आवाज दबाएगी, उतनी तेज आवाज उठेगी और देश में शांति तभी आएगी, जब इस सरकार को बताया जाएगा कि इनका देश से जाने का समय आ गया है. कांग्रेस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने के लिए भाजपा को शर्म आनी चाहिए.
भाजपा का शासन जैसे कोई आदमखोर दिखाई दे रहा है : अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'ये क्या है? ये भाजपा काल नहीं, ये देश में अघोषित आपातकाल है, जिसको सामान्य स्थिति के नाम पर चलाया जा रहा है.'
उन्होंने कहा कि इनकी (सरकार की) वही परिभाषा है सामान्य स्थिति की, जो कश्मीर में अपनायी गयी, वही भारत के अन्य भागों में अपनाया जा रहा है. हर और हिंसा का माहौल दिखाई देता है. भाजपा का शासन जैसे कोई आदमखोर दिखाई दे रहा है.
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मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सिंघवी ने कहा, 'इसलिए लगता है कि देश में शांति तभी आएगी, जब इस सरकार को बताया जाएगा कि इनका देश से जाने का समय आ गया है.'
राहुल गांधी बोले - यह भारत की आत्मा का अपमान करने जैसा है
उधर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर यह कहते हुए प्रहार किया कि उसे धारा 144 लागू करने और देश में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को रोकने का कोई अधिकार नहीं है.
राहुल ने ट्वीट किया, 'इस सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह भारत की आवाज को दबाने व शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकने के लिए धारा 144 लागू करे, मेट्रो ट्रेनों का संचालन रोके, कॉलेज, टेलीफोन व इंटरनेट सेवा बंद करे. ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान करने जैसा है.'
राहुल गांधी की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश व कर्नाटक में राज्य सरकारों द्वारा धारा 144 लागू करने के बाद आई है. यह धारा किसी सार्वजनिक स्थान पर चार या उससे ज्यादा लोगों को एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाती है.