नई दिल्ली : किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी अहम बैठक के बीच कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को केंद्र को याद दिलाया कि वह 'राजधर्म' का पालन करे और उसे कृषि कानूनों के प्रति हठधर्मी को छोड़ देना चाहिए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, 'आज मैं केंद्र सरकार से किसानों की मांग को स्वीकार करके एक बड़ा दिल दिखाने का आग्रह करना चाहता हूं, सरकार इन तीनों कृषि बिलों को वापस ले और अगर इस नीति में बदलाव की जरूरत है, तो इस पर चर्चा करें और किसान संघों की सहमति से फैसला लें.'
ईटीवी भारत से बात करते दीपेंद्र हुड्डा 17 किमी दूर टिकरी बॉर्डर पर, 25 किमी दूर सिंघु बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शन स्थलों पर अभी भी किसान मौजूद हैं और उनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इनमें से कई की मौत भी हो चुकी है.
ऐसी स्थिति में, केंद्र को जमीनी स्थिति को समझना चाहिए और किसानों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए.
सरकार पर दबाव बनाने की मांग करते हुए, किसान यूनियनों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो वे अपने विरोध को तेज करेंगे और 26 जनवरी को ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करेंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि रविवार को रेवाड़ी जिले में हरियाणा पुलिस ने किसानों के एक समूह पर आंसू गैस के गोले दागे., ताकि उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोका जा सके, इनमें ज्यादातर किसान राजस्थान से थे. मुझे उम्मीद है कि ऐसा अब नहीं होगा.
पढ़ें - नए कृषि कानूनों से हमारा कोई लेना-देना नहीं : रिलायंस
कांग्रेस नेता ने कहा, 'हरियाणा सरकार पहले ही खुद को किसान विरोधी सरकार साबित कर चुकी है.' किसान रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उनके खिलाफ वॉटर कैनन, आंसू गैस के गोले दागे. राज्य पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज भी किया. इसलिए, कल रेवाड़ी में जो कुछ भी हुआ वह आश्चर्यजनक नहीं था.