नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद से पारित हो गया. इसके बाद गुरुवार रात राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक अब कानून का मूर्त रुप ले लिया है.
CAB के खिलाफ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, 22 दिसंबर को निकालेगी पदयात्रा
नागरिकता संशोधन विधेयक गुरुवार रात राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक अब कानून में बदल गया है, लेकिन इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. आज इसके विधेयक के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत तमाम नेता शामिल रहें. कांग्रेस ने एक पदयात्रा भी निकालने की योजना बनाई है. इस बारे में ईटीवी भारत से उन्होंने जानकारी साझा की. जानें क्या कहा...
हालांकि इस विधेयक के खिलाफ आंदोलन बदस्तूर जारी है. वहीं कांग्रेस ने खिलाफ प्रदर्शन करते हुए असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने ईटीवी भारत से बोला कि असम राज्य देश का एक अहम हिस्सा है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को लागू करके पूर्वोतर राज्यों में आग लगाने का काम कर किया है.
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आज हमने केंद्र सरकार को चेता दिया है कि वह असम में आग से खेल रहे हैं, कांग्रेस ने असम में जिस शांति के लिये सरकारें कुर्बान कर दीं, वहां पर यह सरकार उन लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.
रावत ने कहा कि सरकार ने अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है क्योंकि इस अनुच्छेद के अनुसार कानून के सामने सभी धर्म समान हैं. उन्होंने कहा कि इस तनावपूर्ण माहौल के समय हम लोगों से शांती की अपील करते हैं. कांग्रेस पूर्वोतर के सभी राज्यों के विकास के लिये निरंतर कार्य करते रहेंगे और संभवतः 22 दिसंबर से कांग्रेस इसके लिए कांग्रेस पद यात्रा भी करेगी.