नई दिल्ली : सरकार के सांसदों के वेतन में 30% की कटौती के फैसले का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने यह सुझाव दिया कि कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई में भारत सरकार के अपने वार्षिक खर्चे में से 30% का भाग इस्तेमाल करने पर भी विचार करना चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने एक वीडियो मैसेज के जरिए कहा, 'प्रिय प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आज कैबिनेट के निर्णय का जिसमें सांसदों की 30% सैलरी काटकर कोरोना वायरस की जंग में शामिल करने का फैसला किया गया है, हम इसका स्वागत करते हैं. कोरोना से लड़ने के लिए 30% ही क्यों 40 या 50% सैलरी चाहिए तो भी हम उसे देने के लिए तैयार हैं.'
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के संकट को देखते हुए कैबिनेट मीटिंग में यह अहम फैसला लिया गया कि सांसद निधि को दो साल के लिए टाल दिया जाएगा और राष्ट्रपत, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल समेत तमाम सांसदों के वेतन का 30% योगदान भी इस लड़ाई में उपयोग में लाया जाएगा.
सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुरजेवाला ने कहा, 'एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड सांसदों का निजी कोष नहीं है. यह पैसा हर संसदीय क्षेत्र में जनता की भलाई के लिए तरक्की के कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पैसा है.'
उन्होंने कहा, 'यह पैसा स्थानीय परिस्थिति में सांसद की डिस्क्रीशन पर प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने के लिए है. तो सीधे-सीधे इसका प्रतिकूल प्रभाव संबंधित सांसद के इलाके के लोगों और वहां की जनता पर पड़ेगा. इसका नुकसान जनता को सीधे-सीधे पूरे देश के अंदर होगा और यही नहीं एमपी के रोल और फंक्शन पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा.'