नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की बीच राष्ट्रीय राजधानी में बातचीत हुई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तौर-तरीकों को तय करने पर चर्चा हुई. कांग्रेस और एसनीपी नेताओं की बैठक के बाद पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि दोनों दलों के नेताओं के बीच सकारात्मकर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जल्दी से जल्दी एक स्थिर और पर्याय सरकार बनेगी.
वहीं, राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में एक चुनी हुई सरकार बने, इसका प्रयास हो रहा है. बैठक में एक पर्याय सरकार बनाने को लेकर सभी बिंदुओं पर हमने चर्चा की.
मीडिया को जानकारी देते पृथ्वीराज चव्हाण और नवाब मलिक उन्होंने आगे कहा कि तीनों पार्टियों के साथ में आए बिना सरकार नहीं बन सकती, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को साथ में लाए बिना कोई सरकार नहीं बनेगी. मलिक ने कहा कि बैठक में सकारात्मकर चर्चा हुई और जल्द ही महाराष्ट्र में एक पर्याय सरकार बनेगी और पांच साल बनेगी.
वहीं महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राकांपा और कांग्रेस के रुख को देखते हुए शिवसेना ने 22 नवंबर को अपने सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है.
इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, केसी वेणुगोपाल, बालासाहेब थोराट ने हिस्सा लिया.
वहीं राकांपा की ओर से बैठक में सुप्रिया सुले, अजित पवार, जयंत पाटिल, नवाब मलिक शामिल हुए.
गत 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
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इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और एके एंटनी ने सोनिया से मुलाकात कर महाराष्ट्र से जुड़ी स्थिति के बारे में अवगत कराया.
राकांपा के नेता नवाब मलिक ने कहा कि कांग्रेस नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती से जुड़े कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और ऐसे में उन्होंने यह बैठक बुधवार को करने का आग्रह किया.
दोनों पार्टियों ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना पर बातचीत के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है.
कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे और कुछ अन्य नेता तथा राकांपा की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, अजीत पवार और जयंत पाटिल मंगलवार को मिलने वाले थे.
इससे पहले सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि दोनों पार्टियां अब उन छोटे दलों के साथ बातचीत करेंगी जो साथ चुनाव लड़े हैं.
शिवसेना के विधायक और नेता शुक्रवार को बैठक करेंगे
वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राकांपा और कांग्रेस के रुख को देखते हुए शिवसेना ने 22 नवंबर को अपने सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है. शिवसेना के एक नेता ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठक को संबोधित करेंगे, जिसमें राज्य में सरकार गठन को लेकर पार्टी की भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है.
महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है और कांग्रेस, राकांपा तथा शिवसेना सरकार गठन के रास्ते तलाश रही हैं.
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिये जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई.
भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। गठबंधन कर चुनाव लड़ी भाजपा और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं.
भाजपा और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के पास पहुंची। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
शिवसेना नेता ने कहा, 'उद्धव ठाकरे 22 नवंबर को मुंबई में पार्टी विधायकों और नेताओं की बैठक को संबोधित करेंगे.'