नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह नियुक्तियों और पदोन्नतियों में आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमत है. पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति समुदायों के अधिकार खतरे में है.
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह उठायेगी. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है तथा पदोन्नति में आरक्षण का दावा कोई मूल अधिकार नहीं है.
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है. ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे.'
उत्तराखंड सरकार के पांच सितम्बर 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की.
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराये बगैर सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया गया था.