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कांग्रेस का घोषणा पत्र: जानें पूर्वोत्तर भारत के लिए क्या है खास

कांग्रेस ने अपने 52 सूत्री घोषणा पत्र में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी कई एलान किए हैं. पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक औद्योगिक नीति का वादा समेत नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की बात कही है. जानें पूर्वोत्तर के लिए कांग्रेस ने और क्या वादे किए हैं...

पूर्वोत्तर मुद्दों के विशेष जानकार कल्याण बरूअह.

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Published : Apr 2, 2019, 11:09 PM IST

Updated : Apr 5, 2019, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज अपना घोषणा पत्र जारी किया. इस पत्र में पार्टी ने पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं को छुने वाले कई मुद्दों को शामिल किया. कांग्रेस ने अपने पत्र में विशेष पैकेज स्टेटस को बहाल करने से लेकर चाय बागान श्रमिकों के लिए उचित मजदूरी देने का भी वादा किया है.

अपने पत्र में लगभग सभी अहम मुद्दों को किया शामिल
इस संबंध में ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार और पूर्वोत्तर मुद्दों के विशेष जानकार कल्याण बरूअह (Kalyan Barooah) से बातचीत की. इस दौरान कल्याण ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी अहम मुद्दों को शामिल करने की कोशिश की है. पार्टी ने अपने द्वारा जारी किये गए घोषणा पत्र में लगभग सभी ज्वलंत मुद्दों पर बात की है.

कांग्रेस के घोषणापत्र पर कल्याण बरुआ से बातचीत के अंश.

लोगों की भावनाओं को छूने की कांग्रेस की कोशिश
उन्होंने कहा, 'ये बुल्कुल सच है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को छूने की कोशिश की है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए ये समय अपने आधार को दोबारा हासिल करने का है.

'एक समय था जब कांग्रेस का कोई भी विरोधी नहीं था'
उन्होंने कहा, 'एक समय था जब कांग्रेस का कोई भी विरोधी नहीं था. लेकिन अब जबकि पूर्वोतर के लगभग सभी राज्यों में भाजपा ने अपने पैर पसार लिये हैं, तो कांग्रेस के लिए ये समय अपना जनाधार फिर से हासिल करने वाला है.'

विशेष पैकेज स्टेटस को बहाल करेगी कांग्रेस
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई शीर्ष पार्टी नेताओं द्वारा जारी किए गए चुनावी घोषणा पत्र में विशेष पैकेज स्टेटस को बहाल करने की बात कही गई है.

पढ़ें:कल अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है कांग्रेस, ये मुद्दे हो सकते हैं शामिल

कांग्रेस ने किया पूर्वोत्तर के लिए औद्योगिक नीति का भी वादा
इस घोषणापत्र में कहा गया, 'कांग्रेस पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक औद्योगिक नीति का वादा करती है. हम भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेंगे.'

अवैध आव्रजन का भी मुद्दा शामिल
कांग्रेस ने पत्र में अवैध आव्रजन के मुद्दे को भी शामिल किया. पार्टी ने कहा, 'भारत में अवैध आव्रजन के मुद्दे को सुलझाने और हल करने के लिए हम अपने पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश और म्यांमार को भी शामिल करेंगे.'

1985 में असम समझौते पर कांग्रेस ने किये थे हस्ताक्षर
इस पर टिप्पणी करते हुए कल्याण बरूअह ने कहा, '1985 में भारत में अवैध आव्रजन के मुद्दे को रोकने के लिए कांग्रेस ने ही असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन इसके लिए कुछ नहीं किया गया.'

चाय बागान श्रमिकों के लिए उचित मजदूरी
इसके अलावा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में और भी कई अहम मुद्दों को शामिल किया. पार्टी ने कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो वह उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) को भी मजबूत करेगी. साथ ही साथ पार्टी ने चाय बागान श्रमिकों के लिए उचित मजदूरी अदा करने का भी वादा किया है.

भारत का अद्वितीय भाग है पूर्वोत्तर
गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बात पर काफी जोर दिया है कि उत्तरपूर्वी राज्य भारत का अद्वितीय और मूल्यवान हिस्सा हैं, जो भारत में कई विविध और समृद्ध संस्कृतियों, भाषाओं, परंपरा और जैव-विविधताओं को जोड़ता है.

Last Updated : Apr 5, 2019, 3:59 PM IST

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