नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने मंगलवार को केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर के बाहर भारतीय नागरिकों को केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने को लेकर जारी अधिसूचना को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार यह कदम वहां के हालात को और बदतर बना देगा.
गृहमंत्रालय ने अपनी ताजा अधिसूचना में अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर में बाहरी लोगों के लिए भूमि खरीद पर लगी स्थायी निवासी होने की शर्त को खत्म कर दिया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि बिहार में चुनाव हैं. दिल्ली में बैठकर राज्यों के लिए कानून बनाना बहुत आसान है. क्या कश्मीर में जमीन खरीदने की स्थिति है, वह भी ऐसे समय में जब आपने लाखों सशस्त्र बल तैनात किए हैं, जब विपक्षी नेता या मीडिया भी वहां नहीं जा सकती है, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कानून बनाया है.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा लगता है जैसे केंद्र सरकार की कश्मीर के लोगों के साथ कुछ दुश्मनी है. इसलिए वह उन्हें अधिक से अधिक परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं. यह कानून केवल कश्मीर में स्थिति को बदतर बना देगा.
यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. हालांकि, कृषि भूमि अभी भी केवल जम्मू कश्मीर के किसानों द्वारा खरीदी जा सकती है.
कांग्रेस नेता ने इस कदम के पीछे केंद्र सरकार की मंशा पर भी तीखे सवाल उठाए, क्योंकि अभी भी कई राज्य हैं जहां गैर-निवासी जमीन नहीं खरीद सकते हैं.
अल्वी ने कहा कि अगर कोई जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद सकता है, तो देश के अन्य हिस्सों में यह कानून क्यों नहीं लागू किया जा रहा है? क्या कोई नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश या यहां तक कि हिमाचल प्रदेश में भी जमीन खरीद सकता है? अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को भी यह स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने भी केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर के भूमि स्वामित्व कानूनों में अस्वीकार्य संशोधन. जम्मू-कश्मीर अब बिक्री के लिए तैयार है और इससे गरीब छोटे भूमि मालिकों को नुकसान होगा.
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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह एक और कदम है जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को नापसंद करने के लिए सरकार के नापाक डिजाइन का हिस्सा है.
उन्होंने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक तरीके से हटाना हमारे प्राकृतिक संसाधनों की लूट की सुविधा और अंत में जम्मू-कश्मीर में बिक्री के लिए जमीन तैयार करना है. लोगों को रोटी और रोजगार प्रदान करने के लिए सभी मोर्चों पर महसूस करने के बाद भाजपा ऐसे कानूनों का निर्माण कर रही है, जिससे लोगों की भूख को शांत किया जा सके.
इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था, यह लूट का रास्ता है, इस तरह के टालमटोल उपायों से जम्मू-कश्मीर के सभी तीन प्रांतों के लोगों को एकजुट होकर लड़ने की जरूरत को बल मिलता है.